ब्रह्माजी, विष्णुजी को शिवजी का चैलेंज
शिव जी ने कहा कि आप दोनों में से जो भी इस लिंग का छोर (अंत) खोज लेगा, वही श्रेष्ठ माना जाएगा। यह बात सुनकर एक छोर की ओर ब्रह्मा जी और दूसरे छोर की ओर विष्णु जी चल दिए। बहुत समय तक ब्रह्मा-विष्णु अपने-अपने छोर की ओर आगे बढ़ते रहे, लेकिन उन्हें शिवलिंग का अंत नहीं मिला। उस समय ब्रह्मा जी खुद को श्रेष्ठ घोषित करने के लिए एक योजना बनाई।
ब्रह्मा ने एक केतकी का पौधा लिया और उससे झूठ बोलने के लिए कहा कि वह शिव-विष्णु के सामने बोले कि ब्रह्मा जी ने लिंग का अंत खोज लिया है। ब्रह्माजी केतकी के पौधे को लेकर शिवजी के पास पहुंचे, विष्णु जी भी वहां आ गए और विष्णुजी ने कहा कि मैं इस लिंग का अंत नहीं खोज सका। ब्रह्माजी ने कहा कि मैंने इस लिंग का अंत खोज लिया है, ये बात आप केतकी के पौधे से भी पूछ सकते हैं। केतकी ने भी भगवान के सामने झूठ बोल दिया।