विधानसभा में सरकार का फिर से ‘यू-टर्न’, भूजल प्रबंधन बिल को दूसरी बार प्रवर समिति को भेजा; कांग्रेस ने क्यों किया विरोध?
Rajasthan News: विधानसभा के बजट सत्र में भूजल संरक्षण और प्रबंधन को लेकर लाया गया ‘राजस्थान भूजल संरक्षण और प्रबंध विधेयक- 2024’ एक बार फिर सिलेक्ट कमेटी को भेज दिया गया है।
Rajasthan Vidhansabha Budget Session 2025: विधानसभा के बजट सत्र में भूजल संरक्षण और प्रबंधन को लेकर लाया गया ‘राजस्थान भूजल संरक्षण और प्रबंध विधेयक- 2024’ एक बार फिर प्रवर समिति को भेज दिया गया है। बताया जा रहा है कि लंबे समय बाद किसी विधेयक को लगातार दूसरी बार प्रवर समिति को भेजा गया हो।
दरअसल, प्रदेश में भूजल के दोहन को नियंत्रित करने और इसके प्रबंधन के लिए इस बिल को तैयार किया गया था। बता दें, यह विधेयक पिछले बजट सत्र से लंबित है। पिछले साल अगस्त में इसे पहली बार सिलेक्ट कमेटी को भेजा गया था। फरवरी में कमेटी को रिपोर्ट सौंपने के लिए समय बढ़ाया गया।
हाल ही में समिति की रिपोर्ट के बाद इसे फिर विधानसभा में पेश किया गया। लेकिन विपक्ष के तीखे विरोध के बाद सरकार ने फिर से इसे प्रवर समिति को भेजने का फैसला किया।
विपक्ष ने क्यों किया विरोध?
विधानसभा में इस बिल पर हुई बहस के दौरान विपक्षी विधायकों ने कई प्रावधानों पर सवाल उठाए। विपक्षी विधायकों ने तर्क दिया कि ट्यूबवेल और ड्रिलिंग मशीनों के अनिवार्य रजिस्ट्रेशन के प्रावधान ठीक नहीं हैं, वहीं, सरकार के पास इतने संसाधन नहीं कि वह हर ट्यूबवेल की निगरानी कर सके।
साथ ही अब तक जलदाय विभाग के कनेक्शनों पर ही मीटर नहीं लगे, ऐसे में भूजल दोहन पर निगरानी कैसे होगी? विपक्ष ने आरोप लगाए कि सरकार पानी पर पहरा बैठा रही है और कहा कि सरकार के नए प्रावधानों से अफसरशाही हावी होगी और जनता को परेशानी होगी। कांग्रेस विधायक हाकम अली, रफीक खान और हरिमोहन शर्मा ने कहा कि अब तक आम आदमी को बिना अनुमति पानी मिलता था, लेकिन इस बिल के बाद लोगों को इसके लिए भी सरकार की मंजूरी लेनी होगी।
जलदाय मंत्री ने रखा प्रस्ताव
जलदाय मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने इस बिल को लेकर हुए विरोध के बाद इसे फिर से सिलेक्ट कमेटी को भेजने का प्रस्ताव रखा, जिसे मंजूरी दे दी गई। बताते चलें कि लगातार दूसरी बार सिलेक्ट कमेटी को भेजे जाने से यह विधेयक फिर लंबित हो गया है। अब यह स्पष्ट नहीं है कि यह कब तक पास होगा।