216 ब्लॉक में पानी पहुंचा पाताल में
राजस्थान पानी की कमी वाला राज्य है और संकट दिन-प्रतिदिन गहराता जा रहा है। वर्ष 2023 में किए गए अध्ययन के अनुसार 216 ब्लॉक अतिदोहित श्रेणी में हैं। यह भी कहा जा सकता है कि पानी पाताल में पहुंच गया है।ये वीडियो भी देखें
पानी की बर्बादी पर होगी सख्ती
विधेयक के अनुसार बिना अनुमति बोरवेल या ट्यूबवेल खोदने पर जुर्माना और जेल का प्रावधान है। वहीं भू-जल के अत्यधिक दोहन या पानी की बर्बादी करने वालों पर सख्ती होगी।उठ रहे हैं सवाल
-स्थानीय निवासियों को पीने के पानी के लिए बोरिंग या कुआं खोदना मुश्किल हो जाएगा।-पीने के लिए भू-जल निकासी पर भी भारी शुल्क देना पड़ेगा।
-कानून की पालना में विधायक-सांसद सहित अन्य जनप्रतिनिधियों का दखल कैसे रुक पाएगा।
विधेयक की खास बातें
बनेगा प्राधिकरण: प्राधिकरण सरकारी निकाय के रूप में भू-जल प्रबंधन और नियंत्रण का जिम्मा संभालेगा।जिला समिति: हर जिले में एक समिति होगी, जो जिले में भूजल संरक्षण व प्रबंधन के लिए प्लान बनाएगी
भू-जल की कीमत: सिंचाई को छोड़कर हर क्षेत्र में पानी के उपयोग के लिए शुल्क लगेगा।
भू-जल पर सख्त नियंत्रण: जरूरत से ज्यादा पानी निकालने पर सख्ती दिखाई जाएगी, जिसके लिए सरकार नियम बनाएगी।
भू-जल पुनर्भरण: रेनवॉटर हार्वेस्टिंग पर जोर दिया जाएगा। शहरों में बड़े निर्माण की अनुमति के लिए पहले से ही रेनवॉटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर बनाना अनिवार्य है।
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