7800 हेक्टेयर में होगी सिंचाई – ताकली बांध परियोजना का काम पूरा
रावत ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा ताकली बांध (तकली बांध) में सीधे नहर से फ्लो सिंचाई के माध्यम से जल उपलब्ध कराए जाने के स्थान पर दबाव आधारित पाइप नेटवर्क द्वारा सिंचाई सुविधा उपलब्ध करने का निर्णय किया गया। राज्य सरकार द्वारा इस वितरण प्रणाली के लिए 12 जुलाई, 2018 को कार्यादेश जारी किए। उन्होंने जानकारी दी कि इस परियोजना के तहत पूर्व में रबी सिंचाई के लिए प्रस्तावित 4432 हेक्टेयर के स्थान पर अब 7800 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी एवं 31 के स्थान पर 33 गांवोंं के किसान लाभान्वित हो सकेंगे।
डिग्गी से पंप के माध्यम से होगा जल वितरण
जल संसाधन मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस सम्बन्ध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल के अनुमोदन के पश्चात् प्रभावित विस्थापितों के पुनर्वास एवं पुनस्र्थापना के लिए भूमि अर्जन, पुनर्वासन एवं पुनस्र्थापन में उचित प्रतिकार एवं पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 के प्रावधानों में निर्मित आवास के स्थान पर प्रत्येक परिवार को 30 गुणा 60 के आकार का भूखंड आवंटित करने का निर्णय लिया है। जिससे 7 गांवों के लगभग 1376 विस्थापितों को भूखंड आवंटित कर पुनस्र्थापित किया गया है। रावत ने बताया कि इस प्रणाली के तहत पानी को डिग्गी में आने के बाद पंप के माध्यम से अत्यधिक दबाव से वितरित किया जाता है। पानी की डिग्गियों में प्रयुक्त जालियों द्वारा मलबा या अपशिष्ट पाइपलाइन में जाने से पहले ही रोक दिया जाता है। उन्होंने बताया कि इस परियोजना के तहत प्रथम पांच वर्ष तक रख-रखाव संवेदक द्वारा ही किया जाता है। इसके उपरांत यह कार्य जल उपयोक्ता संगमों द्वारा किया जाता है।
सिंचाई व्यवस्था का काम 90% पूरा
इससे पहले विधायक संदीप शर्मा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में जल संसाधन मंत्री ने बताया कि ताकली बांध (तकली बांध) सिंचाई परियोजना की 19 जुलाई, 2006 को स्वीकृति, 26 जुलाई, 2011 को संशोधित स्वीकृति तथा 14 दिसम्बर, 2016 को पुन: संशोधन स्वीकृति जारी की गई थी। उन्होंने जानकारी दी कि 29 जून, 2007 को बांध निर्माण के लिए कार्यादेश जारी किया गया तथा तीन वर्ष में इसका कार्य पूर्ण किया जाना निर्धारित था, परन्तु डूब क्षेत्र में आ रहे सात गांवों के विस्थापन में समय लगने के कारण कार्य की समयावधि 13 नवंबर 2023 तक बिना शास्ति के बढाई गई एवं 5 जून, 2023 को बांध निर्माण का कार्य पूर्ण किया गया।
33 गांवों के किसानों की होगी बल्ले-बल्ले
रावत ने बताया कि 12 जुलाई, 2018 को नहरी तंत्र का निर्माण कार्य प्रारम्भ किया गया तथा वर्तमान में यह प्रगतिरत है। परियोजना पर अब तक 275.05 करोड़ रूपये की राशि का व्यय किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि ताकली बांध (तकली बांध) में सीधे नहर से सिंचाई के स्थान पर दबाव आधारित पाइप युक्त 5 जल वितरण प्रणाली पर आधारित है, जिसमें पाइप नेटवर्क के माध्यम से सिंचाई सुविधा प्रदान की जानी प्रस्ताावित है। परियोजना से 33 गांवों की 7800 हैक्टेयर भूमि में सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाई जानी प्रस्तावित है, जिसका ग्रामवार विवरण उन्होंने सदन के पटल पर रखा।