यदि राशि ज्यादा दी तो कैश बॉक्स से वह बाकी राशि ले भी सकता है। मानव रहित इस दुकान पर लड्डू गोपाल ही बैठते हैं। शास्त्री ब्रिज के पास हनुमान मंदिर के पास खुली इस दुकान में लोगों की भीड़ आ रही है।
ऐसे हुई शुरुआत
दुकान के संचालक विजय पांडे ने बताया कि एक दिन दुकान में एक गरीब बच्चा आया। उसका जन्मदिन था। उसके पास इतने पैसे नहीं थे कि वह लड्डू खरीद सके। तब मन में ख्याल आया कि ऐसे बच्चों के लिए कुछ अलग किया जाए। इस सेवा को शुरू करने का उद्देश्य यह था कि जिसके पास लड्डू खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं, वे यहां से लड्डू ले जाए। खुशियां मनाएं। जब उसके पास रुपए आए तो लड्डू गोपाल के सामने दुकान में रख जाए। सेवा 4 दिन पहले ही शुरू की। ये भी पढ़ें:
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● दुकान में सीसीटीवी कैमरा भी नहीं। ● आधा किलो व एक किलो वजन के लड्डू के पैकेट काउंटर में रखते हैं।
● पैकेट पर वजन-दाम लिखे होते हैं। ● लोग पैसे देकर लड्डू ले जाते हैं। यदि किसी के पास 500 रुपए हैं और 280 के लड्डू लिए तो बाकी कैश बॉक्स से निकाल सकते हैं।