पति ने लगाए गंभीर आरोप
2018 में शादी के बंधन में बंधे इस दंपति के रिश्ते में जल्द ही दरार आ गई। पति, जो आंशिक रूप से बहरा है, ने तलाक की अर्जी में आरोप लगाया कि उसकी पत्नी शादी के बाद भी अपने पूर्व प्रेमियों से संपर्क में थी और उनके साथ आपत्तिजनक बातचीत करती थी। पति ने यह भी बताया कि शादी के कुछ ही दिनों बाद पत्नी ससुराल छोड़कर चली गई और उसकी मां के साथ दुर्व्यवहार करने लगी। पत्नी का बचाव और कोर्ट का रुख
पत्नी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया कि उसके पति ने उसका फोन हैक कर लिया और जानबूझकर मैसेज लीक किए ताकि तलाक के लिए ठोस सबूत इकट्ठा कर सके। उसने पति पर मारपीट और 25 लाख रूपए दहेज मांगने का भी आरोप लगाया। हालांकि, कोर्ट ने पाया कि महिला के पिता ने भी यह स्वीकार किया था कि उनकी बेटी को पुरुष मित्रों से खुलकर बात करने की आदत थी। इस आधार पर कोर्ट ने फैमिली कोर्ट के फैसले को सही ठहराया और महिला की अपील को खारिज कर दिया।
कोर्ट की अहम टिप्पणी
न्यायमूर्ति विवेक रूसिया और न्यायमूर्ति सिंह की पीठ ने स्पष्ट किया कि विवाह के बाद पति-पत्नी को दोस्तों से बातचीत करने की स्वतंत्रता है, लेकिन यह एक सीमा के भीतर होनी चाहिए। कोर्ट ने कहा, कोई भी जीवनसाथी यह स्वीकार नहीं करेगा कि उसका साथी किसी और से अनुचित या अभद्र चैटिंग करे। अगर इस तरह की गतिविधियां जारी रहती हैं, तो यह मानसिक क्रूरता का कारण बन सकती है।