पार्टी को मजबूत करने के लिए कांग्रेस यह साल संगठन संघर्ष पर्व के रूप में मना रही है। इसको लेकर हाल ही में प्रदेश कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी व जिलाध्यक्ष जीतू पटवारी ने उज्जैन में कार्यकर्ता सम्मेलन किया था।
संगठन संघर्ष पर्व का उद्देश्य बूथ व ब्लॉक लेवल पर पार्टी को मजबूत करना है। इसके लिए निकट भविष्य में मोहल्ला व पंचायत कमेटी का गठन किया जाएगा। यह कमेटी 25-25 सदस्यों की रहेगी। मोहल्ला, पंचायत, मंडलम, ब्लॉक कमेटी की समय-समय पर ट्रेनिंग भी होगी। इस बदलाव में कांग्रेस जहां पुराने अनुभवी नेताओं के अनुभव का लाभ लेगी वहीं क्षमतावान युवाओं को आगे बढ़ाया जाएगा। दावा यह भी है कि नई नियुक्तियां भाई-भतीजावाद या पट्ठावाद के आधार पर नहीं बल्कि मैरिट के आधार पर होंगी।
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बदलावों से भरे रहेंगे दो महीनेदो महीने में कांग्रेस के विभिन्न पदों पर कई बदलाव देखने को मिलेंगे। इसमें मोहल्ला व पंचायत कमेटी गठन के साथ ही मंडलम, ब्लॉक और जिला स्तर पर नई नियुक्तियों की संभावना है। उज्जैन जिले में भी जिलाध्यक्ष पद पर बदलाव व नई कार्यकारिणी गठन की संभावना है।
बता दें कि हाल ही में हुए कार्यकर्ता सम्मेलन में जिलाध्यक्ष कमल पटेल ने कहा था, मुझे दोबारा मौका मिलता है तो 20 घंटे काम करूंगा और किसी अन्य कार्यकर्ता को मौका दिया गया तो 22 घंटे काम करूंगा।
जिला केंद्रित होगी कांग्रेस की राजनीति
नए बदलाव में कांग्रेस जिलास्तर पर पार्टी को मजबूत करने की तैयारी कर रही है। इसमें जिलाध्यक्ष को पॉवर देकर उनके हाथ मजबूत किए जाएंगे। अभी तक समन्वय समिति प्रदेश स्तर पर होती थी, उसे अब जिलास्तर पर पीएसी (पॉलिटीकल अफेयर कमेटी) के रूप में गठित किया जाएगा। इसमें मोर्चा व संगठन पदाधिकारी और वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। पीएसी जिला प्रभारी के अंतर्गत कार्य करेगी। कांग्रेस के जिला प्रभारी अमित शर्मा के अनुसार पार्टी को और मजबूती प्रदान करने के लिए संगठन संघर्ष पर्व मनाया जा रहा है। मोहल्ला व पंचायत कमेटियों का गठन होगा। दो महीने में नई नियुक्तियां की जाएगी। जिलाध्यक्ष की शक्तियां बढ़ाई जाएंगी। जिलास्तर पर ही पीएसी गठित की जाएंगी।