ब्रिज चौड़े करने के काम में अड़ंगे भी सामने आ रहे हैं। दो शाखाओं की ओर आवासीय मकान हैं। ऐेसे में यहां चौड़ीकरण को लेकर समस्या सामने आ सकती है। डीपीआर तैयार होने के बाद शासन को स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। वहां से मंजूरी मिलने के बाद टेंडर व अन्य प्रक्रिया शुरू होगी। एमपीआरडीसी के जीएम राकेश जैन ने ब्रिज की डीपीआर बनने की पुष्टि की है।
हरिफाटक ब्रिज बेहद अहम और बड़ा ब्रिज है। इसके फोरलेन हो जाने से ब्रिज पर आए दिन लगने वाले जाम से मुक्ति मिलेगी। हरिफाटक ब्रिज से देवास व इंदौर रोड से वाहन सीधे पहुंचते हैं, वहीं शहर का ट्रैफिक भी इस ब्रिज से गुजरता है। त्योहार विशेष पर वाहनों का दबाव बढ़ जाता है। ऐसे में यहां हर वक्त जाम की स्थिति बन जाती है।
हरिफाटक ब्रिज को चौड़ा करने के लिए सेतु निगम पूर्व में भी डीपीआर बना चुका है। उस समय ब्रिज के हरिफाटक व महाकाल लोक जाने वाली शाखा के चौड़ीकरण का प्रस्ताव तैयार किया था। इन दोनों शाखाओं को 12-12 मीटर चौड़ा किया जाना था। चौड़ीकरण की लागत 42 करोड़ रुपए आंकी गई थी। हालांकि बाद में यह प्रस्ताव आगे नहीं बढ़ पाया था।