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उदयपुर

अरविंद सिंह मेवाड़ का क्रिकेट और पोलो से था गहरा नाता, मेवाड़ के पर्यटन को दी पहचान; जानें उनके जीवन से जुड़ी रोचक बातें

Arvind Singh Mewar Death: पूर्व राजपरिवार के सदस्य अरविंदसिंह मेवाड़ बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे।

उदयपुरMar 17, 2025 / 11:53 am

Alfiya Khan

arvind
उदयपुर। पूर्व राजपरिवार के सदस्य अरविंदसिंह मेवाड़ बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने मेवाड़ के पर्यटन को मजबूती देने में अहम योगदान दिया। वे कला-साहित्य, खेल-संगीत के भी कद्रदान थे। वे जीसीएसआई और केसीआईई जैसी विशिष्ट उपाधियों से अलंकृत हो चुके थे।

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बचपन और शिक्षा-दीक्षा 

अरविंदसिंह मेवाड़ की प्रारंभिक शिक्षा घर पर ही माता-पिता की देखरेख में हुई। उच्च शिक्षा के लिए वर्ष 1956-57 में मेयो कॉलेज अजमेर गए, जहां से कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से आयोजित परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद एमबी कॉलेज से अंग्रेजी साहित्य, अर्थशास्त्र एवं राजनीति विज्ञान से स्नातक की। इंग्लैण्ड के द मेट्रोपॉलिटन कॉलेज, सेंट एलबन्स से होटल प्रबंधन की पढ़ाई की। बाद में होटल प्रबंधन से लेकर प्रशासनिक स्तर की दक्षताओं को विकसित करने के लिए अमरीका में विशेष पाठ्यक्रमों का अध्ययन कर अन्तरराष्ट्रीय मापदण्डों के अनुरूप श्रेष्ठतम होटल संचालन में विशेषज्ञता अर्जित की।

जिम्मेदारी संभाली

● नवम्बर, 1984 में तत्कालीन महाराणा भगवत सिंह मेवाड़ के निधन के बाद पुरखों की विरासत को ऊंचाइयां दी।
● मेवाड़ अधिपति एकलिंगनाथ के अनन्य उपासक होने के साथ ही सर्वधर्म समभाव के प्रबल पक्षधर थे। मानव धर्म को सर्वोच्च वरीयता दी।
● बचपन से ही संगीत, कला एवं साहित्य के अनुरागी थे। शास्त्रीय संगीत की समझ रही। विद्यार्थी जीवन से सितारवादक रहे।
● कलाकारों के संगीत रिकॉर्ड महाराणा कुम्भा संगीत कला ट्रस्ट को सौंपे। गुरु पूर्णिमा पर एकलिंगजी मंदिर में ’स्वरांजलि’ की शुरुआत की।
● महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउंडेशन के प्रवक्ता पं. नरेन्द्र मिश्र को गुरु भाव से हमेशा साथ रखा। कविता एवं साहित्य पर चर्चा करते थे।
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इन पदों-पुरस्कारों से नवाजे गए

● म्यूजियम एसोसिएशन ऑफ इंडिया नई दिल्ली
● इंडियन एसोसिएशन फॉर द स्टडी ऑफ कंजर्वेशन ऑफ कल्चरल प्रॉपर्टी नई दिल्ली
● कॉमनवेल्थ एसोसिएशन ऑफ म्यूजियम्स कनाडा
● इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एण्ड कल्चर
● इंडियन हेरिटेज सिटी नेटवर्क से सदस्यता
● द ग्रनेडियर्स एसोसिएशन्स की ओर से वर्ष 2011 में मानद सदस्यता
● इंडियन एसोसिएशन्स ऑफ ट्यूर ऑपरेटर से द हॉल ऑफ फेम अवार्ड
● गैलीलियो एक्सप्रेस ट्रेवल वर्ल्ड से द टाटा एआईजी लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड
● ट्रेवल एजेंट्स एसोसिएशन्स ऑफ इंडिया से अगस्त्य अवार्ड
● राजीव गांधी ट्यूरिज्म डेवलपमेंट मिशन के सलाहकार
● द राजस्थान फाउंडेशन के कार्यकारी सदस्य
● जयपुर विरासत फाउंडेशन के राष्ट्रीय सलाहकार बोर्ड के सदस्य
● जयपुर हेरिटेज इंटरनेशनल फेस्टिवल के मानद सदस्य
● चेप्टर ऑफ इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एण्ड कल्चरल हेरिटेज, राजस्थान एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका, ताज एसोसिएशन ऑफ आर्ट कल्चर एण्ड हेरिटेज, मेहर भार्गव फाउंडेशन लखनऊ के संरक्षक
● महाराणा प्रताप स्मारक समिति, सरगम कला परिषद नाथद्वारा, शीन इंडिया ब्लड बैंक उदयपुर, महाराणा प्रताप म्यूजियम हल्दीघाटी के मुख्य संरक्षक
● वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर के सदस्य

क्रिकेट और पोलो के शौकीन

अरविंदसिंह मेवाड़ क्रिकेट एवं पोलो के श्रेष्ठ खिलाड़ी रहे। शिकारबाड़ी में पोलो के लिए उदयपुर एक्वाइन इंस्टीट्यूट चलाया। उनके प्रयासों से जयपुर में पोलो कॉम्पलेक्स स्थापित हुआ। कैम्ब्रिज और न्यू मार्केट पोलो क्लब इंग्लैंड में उदयपुर कप टूर्नामेंट करवाया। मेयो कॉलेज क्रिकेट टीम और प्रथम राजस्थान स्कूल क्रिकेट टीम के कप्तान रहे। देश-विदेश के क्रिकेट और पोलो क्लबों के सक्रिय सदस्य रहे।
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दिया शाही शादी का पैटर्न

पर्यटन एवं होटल उद्योग में उनका नाम नवाचारों के प्रणेता के रूप में लिया जाता है। उन्होंने देश में हेरिटेज टूरिज्म व्यवसाय को नई दिशा देकर लोकप्रिय बनाया। पर्यटन विभाग की ओर से शिव निवास और फतह प्रकाश होटलों को ग्रेण्ड हेरिटेज होटल अवार्ड मिले। राजस्थान में हेरिटेज टूरिज्म के संरक्षण एवं संवर्धन में अग्रणी भूमिका निभाई। उन्होंने शाही शादियों की नई अवधारणा दी। आज उदयपुर शाही शादियों के लिए पसंदीदा स्थल के रूप में पहचान बना चुका है।

नए पुरस्कारों की शुरुआत

महाराणा मेवाड़ फाउंडेशन वार्षिक अलंकरण सम्मान की परम्परा सन् 1980-81 में हुई थी। पिता के निधन के बाद अरविंदसिंह ने परम्परा को जारी रखा, वहीं अन्तरराष्ट्रीय (कर्नल जेम्स टॉड अलंकरण), तीन राष्ट्रीय (हकीम खां सूर अलंकरण, महाराणा उदय सिंह अलंकरण एवं पन्नाधाय अलंकरण) और एक राज्यस्तरीय (राणा पूंजा अलंकरण) जोड़कर व्यापकता दी।

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