वार्डों के गठन की आपत्तियों से पूर्व निगम ने प्रति वार्ड औसत जनसंख्या 6932 की निकाली थी, लेकिन आंकड़ों में कुछ वार्ड की जनसंख्या 11 हजार पार हो रही है तो कुछ में 4 हजार से 4500 के बीच सिमट गई हँ। नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि पेराफेरी के अधिकांश नए गांवों में खुला क्षेत्र होने से उनका एरिया 15 से 20 किलोमीटर का है। आपत्तियां आने पर उन सभी क्षेत्रों का वापस सर्वे कर जनप्रतिनिधियों व स्थानीय लोगों के अनुसार ठीक किया जा रहा है।
पत्रिका की मुहिम, 55 साल बाद हुआ शहर का विस्तार
राजस्थान पत्रिका ने शहरी सीमा के विस्तार को लेकर निगम मांगें विस्तार, सुविधाओं की दरकार अभियान के तहत खबरें प्रकाशित की थी। खबरें प्रकाशित होने के बाद निगम आयुक्त रामप्रकाश के निर्देशन में राजस्व शाखा की टीम ने सर्वे कर प्रस्ताव बनाते हुए तत्कालीन कलक्टर अरविंद पोसवाल को भेजा था, उन्होंने इसे राज्य सरकार को भिजवाया था। राज्य सरकार ने 55 साल बाद नगर निगम की शहरी सीमा का विस्तार करते हुए 19 पंचायतों के 33 गांवों को शामिल किया। निगम टीम ने इन गांवों की जनसंख्या को शहरी सीमा में शामिल करते हुए यह आंकड़ा 5 लाख के पार पहुंचाया। इसके साथ ही 10 नए वार्ड का गठन करते हुए प्रत्येक की जनसंख्या निकाली। नए वार्डोंं का एरिया पेराफेरी गांव से ही लगते कई वार्डोंं में ही शामिल होने से कई वार्डोंं का दायरा व जनसंख्या बढ़ गई। वार्डों के नए गठन में वाड.र्1 बडग़ांव और अंतिम वार्ड- 80 बेदला के शामिल करने से पूरे शहर के सभी वार्डोंं के नबर व रहवासियों के पते बदल गए हैं।
वार्डोंं में समीकरण
80 वार्ड 554554 सभी वार्डोंं की जनसंख्या 55602 अनुसूचित जाति की जनसंख्या 48965 अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या 6931.92 प्रति वार्ड औसत जनसंख्या 23 वार्ड में औसत से 10 प्रतिशत कम जनसंख्या 13 वार्ड में औसत से 10 प्रतिशत अधिक जनसंख्या