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टीकमगढ़

आए रघुनंदन, सजवा दो द्वार-द्वार, स्वर्ण कलश रखवा दो, बंधवा दो वंदनवार

टीकमगढ़/ओरछा. राम नवमी पर्व का उत्साह पूरे जिले में दिखाई दिया। बुंदेलखंड की अयोध्या कही जाने वाली ओरछा में जहां राम जन्मोत्सव की धूम रही तो टीकमगढ़ मुख्यालय पर निकली शोभायात्रा में श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा। ओरछा और टीकमगढ़ में दोपहर 12 बजे भगवान के जन्म का उत्साह मंदिरों दिखाई देने लगा था। दोनों जगह मंदिर परिसर में पैर रखने के लिए जगह नहीं थी।

टीकमगढ़Apr 08, 2025 / 02:05 am

Pramod Gour

राम नवमी पर्व का उत्साह पूरे जिले में दिखाई दिया।

राम नवमी पर्व का उत्साह पूरे जिले में दिखाई दिया।

टीकमगढ़ में उमड़ा आस्था का सैलाब…

टीकमगढ़/ओरछा. राम नवमी पर्व का उत्साह पूरे जिले में दिखाई दिया। बुंदेलखंड की अयोध्या कही जाने वाली ओरछा में जहां राम जन्मोत्सव की धूम रही तो टीकमगढ़ मुख्यालय पर निकली शोभायात्रा में श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा। ओरछा और टीकमगढ़ में दोपहर 12 बजे भगवान के जन्म का उत्साह मंदिरों दिखाई देने लगा था। दोनों जगह मंदिर परिसर में पैर रखने के लिए जगह नहीं थी। वहीं शाम को टीकमगढ़ में निकली शोभायात्रा में सड़कें श्रद्धालुओं से भर गई। रविवार को भगवान के जन्म के समय पहुंचे कलाकारों ने एक से बढ़कर एक बधाई गीतों की प्रस्तुति दी। आए गए रघुनंदन सजवा दो द्वार-द्वार, राघव ललन तोरे कोमल चरण, कहीं कंकरिया गड़ी नहीं जाए, जैसे गीत श्रद्धालुओं की आस्था को और बढ़ाने वाले लग रहे थे। ऐसे में महिला श्रद्धालुओं ने भगवान के जन्मोत्सव पर जमकर बधाई नृत्य किया। दोपहर 12 बजे भगवान के जन्म के बाद शाम 4 बजे तक श्रद्धालुओं की लंबी लाइन मंदिरों में लगी रही।
एक दर्जन झांकियां

हुई शामिल

शोभायात्रा में एक दर्जन से अधिक मनोहारी झांकियां शोभायात्रा में शामिल हुई। युवाओं द्वारा बड़ी ही मेहनत से इन झांकियों को सुंदर तरीके से सजाया था। शोभायात्रा देखने हजारों की संख्या में लोग सड़कों के किनारे एकत्रित रहे, इन श्रद्धालुओं के कारण सड़कों पर पैर रखने भी जगह नहीं थी। वहीं शहर में दो दर्जन से अधिक स्थानों पर लोगों ने शोभायात्रा का फल, हलुआ, कचोरी, शरबत आदि से जमकर स्वागत किया।
लोक गायिका का सम्मान

वहीं बुंदेलखंड की अयोध्या कहे जाने वाली ओरछा में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। यहां पर भगवान के जन्म के पूर्व राम सेवा समिति द्वारा भगवान की शोभायात्रा निकाली गई। यहां पर महारानी कुंवर गणेश के साथ ही राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के बाल स्वरूप को बग्घी में विराजमान किया गया था। वहीं मंदिर में सुबह 10 बजे से लोक गायिका उर्मिला पाण्डेय ने एक से एक भजनों की प्रस्तुति दी। राष्ट्रपति से सम्मानित उर्मिला को प्रशासन ने यहां पर राय प्रवीण सम्मान से सम्मानित किया।
द्द शाम 6 बजे के नजरबाग मंदिर से शोभायात्रा शुरू की गई। शोभायात्रा नगर के प्रमुख मार्गों से गुजरी। इस बार मुंबई से ङ्क्षसधु गर्जना ढोल पार्टी आकर्षण का केंद्र रही। इसके 60 सदस्यों ने जमकर ढोल, ताशे का प्रदर्शन किया। शोभायात्रा में अखाड़े का प्रदर्शन किया गया।
द्द राम जन्मोत्सव परिवार द्वारा बनाए गए रथ को खींचने श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। इस रथ में भगवान राम की बाल्यावस्था की मनोहर झांकी सजाई गई थी। इसे परिवार के 50 सदस्य अपने हाथों से खींच रहे थे। वहीं इस रथ को आगे ले जाने के लिए श्रद्धालु पूरे रास्ते में शामिल होते रहे। इस रथ को बड़े ही आकर्षक ढंग से सजाया गया था। वहीं पालकी में लड्डू गोपाल की झांकी सजाई गई थी।
द्द रामनवमीं को लेकर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही मैदानी अमला भी पूरे समय तैनात रहा। भगवान के जन्म के समय भी मंदिर में सुरक्षा के लिए महिला पुलिस के साथ ही अन्य बल तैनात किया गया।
द्द ओरछा में भगवान के जन्मोत्सव का आनंद ही अलग था। यहां पर क्षेत्र भर से पहुंंचे हजारों श्रद्धालुओं के कारण मंदिर परिसर खचाखच भरा हुआ था। महिलाएं अपने आराध्य के जन्मोत्सव पर जमकर नाच रही थी। इस अवसर पर मंदिर को आकर्षक ढंग से सजाया गया था।
द्द ओरछा में आज सुबह मंगला आरती होगी। विदित हो कि यहां पर वर्ष में दो बार भगवान की मंगला आरती की जाती है। ऐसे में आज भगवान के जन्मोत्सव के बाद दूसरी मंगला आरती होगी।

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