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टीकमगढ़

70 फीसदी बच्चे खरीद चुके कोर्स, पुस्तक मेले के लिए अब भी चार दिन का इंतजार

टीकमगढ़. जिले में इस बार भी प्राइवेट स्कूल के छात्रों के लिए सस्ती किताबें सपना बनती दिखाई दे रही हैं। नया शिक्षण सत्र शुरू होने के बाद 70 प्रतिशत तक बच्चे अपना महंगा कोर्स खरीद चुके हैं और विभाग ने अब जाकर 7 एवं 8 अप्रेल को पुस्तक मेला आयोजित करने की तिथि निर्धारित की है। ऐसे में लोग अब इसका महत्व नहीं समझ पा रहे हैं।

टीकमगढ़Apr 07, 2025 / 02:06 am

Pramod Gour

छात्रों के लिए सस्ती किताबें सपना बनती दिखाई दे रही हैं

छात्रों के लिए सस्ती किताबें सपना बनती दिखाई दे रही हैं

335 रुपए में मिल रही 80 पेज की किताब, अभिभावक बोले- कैसे करें व्यवस्था

टीकमगढ़. जिले में इस बार भी प्राइवेट स्कूल के छात्रों के लिए सस्ती किताबें सपना बनती दिखाई दे रही हैं। नया शिक्षण सत्र शुरू होने के बाद 70 प्रतिशत तक बच्चे अपना महंगा कोर्स खरीद चुके हैं और विभाग ने अब जाकर 7 एवं 8 अप्रेल को पुस्तक मेला आयोजित करने की तिथि निर्धारित की है। ऐसे में लोग अब इसका महत्व नहीं समझ पा रहे हैं।
प्राइवेट स्कूलों की मनमर्जी के आगे विभाग या तो नतमस्तक हो चुका है या फिर लोग इसे मिलीभगत बता रहे हैं। यहीं वहज है कि प्रशासन द्वारा एक सप्ताह पूर्व 25 मार्च को सभी निजी स्कूल संचालकों एवं बुक सेलर की बैठक लेकर बच्चों को सस्ती पुस्तकें उपलब्ध कराने एवं इसके लिए पुस्तक मेला लगाने के निर्देश दिए गए थे। इसके बाद भी शिक्षा विभाग पुस्तक मेले की व्यवस्था नहीं कर सका और अब 7 एवं 8 अप्रेल को पुस्तक मेला लगाने की तिथि निर्धारित की है।
ऐसे में लोग इसे मिलीभगत बता रहे है। लोगों का कहना है कि इस बार बहुत से स्कूल 25 मार्च से ही शुरू हो गए थे और बच्चों पर लगातार पुस्तक लेने का दबाव बनाया जा रहा था। ऐसे में 70 प्रतिशत के लगभग बच्चे किताबें ले चुके है।
वहीं अब भी मेले में 4 दिन का समय है और इसमें भी तय नहीं कि पुस्तकें मिलती है या नहीं, ऐसे में शेष बच्चे भी किताबें ले लेंगे।

ये है वर्तमान स्थिति
प्राइवेट स्कूलों की किताबें लेने जा रहे लोगों को पसीने आ रहे हैं। पंडयाना निवासी कुलदीप रावत ने बताया कि अपनी दो बेटियों के लिए किताबें लाए हैं।

कक्षा 2 का कोर्स 3275 रुपए में मिला है और इसमें कॉपियां शामिल नहीं हैं। वहीं कक्षा 4 का कोर्स 3685 रुपए में दिया गया है। कक्षा 4 की जनरल नॉलेज की 80 पेज की किताब की कीमत 335 रुपए है तो ईवीएस की 108 पेज की कीमत 540 रुपए। शिवनगर निवासी अंकित यादव का कहना था कि किताबें खरीदना मुश्किल हो गया है। समझ नहीं आ रहा कि कैसे खर्च पूरा करें। उनका कहना है कि उनकी कक्षा 1 में पढऩे वाली भतीजी पूर्वी की किताबें 2200 रुपए में आई है।
स्कूलों की महंगी पुस्तकों और देरी से लगाए जा रहे पुस्तक मेले के संबंध में डीपीसी पीआर त्रिपाठी से बात नहीं हो सकी है।

कक्षा कोर्स की कीमत

1 1600 से 2300 रुपए
2 1800 से 2400 रुपए

3 2800 से 3300 रुपए

4 2900 से 3500 रुपए

5 3300 से 4200 रुपए

&इस संबंध में स्कूलों को निर्देश दिए जाएंगे। अभिभावक जल्दबाजी न करें, पुस्तक मेले में ही पुस्तकें क्रय करें।
महेंद्र गुप्ता, बीआरसी, टीकमगढ़।

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