गवाहों की पहचान डिजिटल रूप से होगी संपदा 2.0 को डेढ़ महीने पहले ही शुरू कर दिया गया था। इसके साथ ही यहां पर संपदा 1 भी चलाया जा रहा था, लेकिन अब इसे पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। इसमें अब रजिस्ट्री कराने गवाहों की जरूरत नहीं पड़ेगी। इनके आधार से नाम और फोटो लिया जाएगा। रजिस्ट्री के बाद नगर पालिका में संदेश जाएगा। जिसमें अब के्रता को नामांतरण करने में आसानी होगी। ऐसे में अब साइबर तहसील 2 के तहत शहर में प्लॉट का भी नामांतरण आसान होगा।
ओटीपी के बिना नहीं होगी प्रक्रिया अब रजिस्ट्री के लिए आधार या पैन कार्ड से सर्विस प्रोवाइडर के यहां रजिस्ट्री की प्रक्रिया शुरू होगा। रजिस्ट्री में आधार का ओटीपी मिलेगा। इसमें आधार में दर्ज मोबाइल पर ही ओटीपी जाएगी और इसके बिना प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ेगी। आधार या पैन कार्ड से ही रजिस्ट्री हो पाएंगी। यदि आधार या पैनकार्ड नहीं है, तो पक्षकारों के डिजिटल हस्ताक्षर करने होंगे। इसमें गवाहों की जरूरत नहीं पड़ेगी।
इनका कहना है &इस नए सॉफ्टवेयर से आम जनता के साथ ही विशेष रूप से बुजुर्गों को लाभ होगा। जिन्हें बार-बार पंजीयन कार्यालय आने में परेशानी होती थी। इसके साथ ही रजिस्ट्री प्रक्रिया में होने वाली फर्जी गतिविधियों पर भी रोक लगेगी।
-बालेंद्र ङ्क्षसह, जिला पंजीयक टीकमगढ़।