आर्ट्स, साइंस व डिप्लोमा में आगे रही बेटियां
प्रदेश में छात्राएं आर्ट्स,साइंस व डिप्लोमा कोर्स में छात्रों से आगे रही है। आर्ट्स में छात्रों की संख्या 292687 तो छात्रों की संख्या 543326 रही। इसी तरह साइंस में 131199 छात्रों की तुलना में 135958 तथा डिप्लोमा में 2328 छात्रों के मुकाबले 2629 छात्राओं ने प्रवेश लिया। केवल कॉमर्स विषय में ही 30385 छात्राओं के सामने 36236 व विधि में 12472 छात्राओं की तुलना में 24022 नामांकन सहित छात्र प्रवेश में आगे रहे।20 साल पहले 100 छात्रों पर थी 63 बेटियां
प्रदेश उच्च शिक्षा की तस्वीर 20 साल में पूरी तरह पलट गई है। सत्र 2005-06 में छात्राओं की संख्या 100 छात्रों के मुकाबले महज 63 ही थी। 2016-17 में पहली बार छात्र व छात्राओं का अनुपात बराबर आया। इसके बाद से छात्राओं का आंकड़ा लगातार बढ़ता हुआ 124 तक पहुंच गया।केवल सात जिलों में पिछड़ी बेटियां
प्रदेश के 41 जिलों में से छात्राएं 34 जिलों में सामान्य शिक्षा के नामांकन में आगे रही है। केवल बाड़मेर, डीडवाना— कुचामन, जैसलमेर, जालौर, नागौर, फलौदी व टोंक जिले में ही छात्राओं का नामांकन छात्रों से कम रहा।जयपुर- सीकर अव्वल
छात्राओं के सबसे ज्यादा प्रवेश के मामले में जयपुर व सीकर प्रदेश में अव्वल रहे हैं। जयपुर में 275 कॉलेज में 95 हजार 473 व सीकर की 161 कॉलेज में 59हजार 300 छात्राओं ने अध्ययन किया।100 छात्रों पर यूं लगातार बढ़ी बेटियां
सत्र नामांकन2016-17 100
2017-18 106
2018-19 108
2019-20 111
2020-21 105
2021-22 107
2022-23 111
2023-24 120
2024-25 124
योजनाओं की भूमिका
उच्च शिक्षा में बेटियों के बढ़ते कदम की वजह समाज में बेटा— बेटी एक समान की बढ़ती सोच के साथ सरकारी योजनाओं को माना जा रहा है। ट्रांसपोर्ट वाउचर, स्कूटी व छात्रवृति संबंधी विभिन्न योजनाएं इसमें अहम योगदान निभा रही है।