पुलिस के अनुसार चंद्रशेखर वार्ड निवासी 35 वर्षीय अस्मिता पत्नी सिटीजन जैन ने शिकायत में बताया कि मायके में घर के सामने रहने वाले राहुल उर्फ राजकुमार अहिरवार से अच्छी जान-पहचान थी। शादी के बाद वह अपनी पत्नी पूजा अहिरवार के साथ ससुराल भी आता-जाता रहता था। 31 जुलाई 2024 को पति सिटिजन जैन को रीबा जिले की पुलिस पकड़कर ले गई थी, जिसके बाद राहुल से मदद लेने लगी थी।
– अच्छे वकीलों से पहचान बताई
राहुल ने अच्छे वकीलों से पति का जमानत कराने का बोलकर रुपयों का इंतजाम करने कहा, लेकिन जब रुपयों की व्यवस्था नहीं हुई तो उसने कहा कि अपने जेवर दे दो, उनको गिरबी रखकर रुपयों की व्यवस्था कर दूंगा। महिला ने विश्वास में आकर 25 फरवरी को राहुल को सोने का एक हार व मंगलसूत्र गिरबी रखने के लिए दे दिया। इसके बाद न तो राहुल वापस आया न ही जेवरात मिले। आरोपी ने अपना मोबाइल फोन भी बंद कर लिया। कुछ समय पहले जब पति सिटीजन जैन जेल से छूटकर वापस घर आया तो पता चला कि राहुल से तो उसने जमानत के संबंध में कोई बातचीत ही नहीं की। इसके बाद राहुल की तलाश शुरू की, लेकिन न तो वह अपने घर पर मिला न ही रिश्तेदारों के पास।
– गोदाम से पकड़ा था 1.22 करोड़ रुपए का सिरप
जुलाई 2024 में रीवा पुलिस ने क्षेत्र में नशीले सिरप की सप्लाई के मामले में सागर के थोक दवा विक्रेता अरविंद जैन व उसके बेटे सिटीजन उर्फ सित्तू जैन को गिरफ्तार किया था। पुलिस की पड़ताल में सामने आया कि जैन की फर्म ने आठ माह में डेढ़ से दो करोड़ रुपए की नशीली सिरप रीवा सहित आसपास के दूसरे जिलों में सप्लाई की थी, जिसके बिल उनके पास नहीं मिले हैं। रीवा पुलिस ने सप्लायर की सागर स्थित गोदाम में दबिश दी और वहां से करीब 1.22 करोड़ रुपए का 600 पेटी सिरप पकड़ा था। पुलिस की जांच में सामने आया कि फर्म संचालक अरविंद जैन हिमाचल प्रदेश स्थित कंपनी से थोक में नशीला सिरप मंगवाता था और इसे तस्करों को सप्लाई करता था। यह कारोबार वह बिना बिल के चलता था, पुलिस के हाथ फर्म का बैंक खाता लगा तो यह मामला उजागर हुआ।