Lucknow Metro के दूसरे चरण का निर्माण कार्य शुरू: शहर को मिलेगी नई रफ्तार
Lucknow Metro Phase 2: लखनऊ मेट्रो के दूसरे चरण का निर्माण कार्य अप्रैल से शुरू होने जा रहा है। इस परियोजना के तहत चारबाग से वसंत कुंज तक 11.5 किलोमीटर लंबा ट्रैक बनाया जाएगा, जिसमें 12 स्टेशन शामिल होंगे। अनुमानित 5,800 करोड़ रुपये की लागत वाली यह परियोजना शहर की यातायात व्यवस्था को और बेहतर बनाएगी।
Lucknow Metro Phase II : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मेट्रो रेल सेवा के दूसरे चरण का निर्माण कार्य अप्रैल से शुरू होने जा रहा है। इस चरण में चारबाग से वसंतकुंज तक 11.165 किलोमीटर लंबे ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा, जिसमें 12 स्टेशन शामिल होंगे। परियोजना की अनुमानित लागत 5,800 करोड़ रुपये है।
लखनऊ मेट्रो के दूसरे चरण में चारबाग से वसंतकुंज तक का मार्ग शामिल है, जिसकी कुल लंबाई 11.165 किलोमीटर होगी। इसमें 7 भूमिगत (अंडरग्राउंड) और 5 एलिवेटेड स्टेशन शामिल हैं। भूमिगत स्टेशनों में चारबाग, गौतम बुद्ध मार्ग, अमीनाबाद, पांडे गंज, सिटी रेलवे स्टेशन, मेडिकल चौराहा और चौक शामिल हैं। एलिवेटेड स्टेशनों में ठाकुरगंज, बाला गंज, सरफराजगंज, मूसा बाग और वसंत कुंज शामिल हैं।
निर्माण कार्य की प्रगति और तैयारियां
परियोजना की तैयारियों के तहत मिट्टी की जांच, टोपोग्राफी सर्वेक्षण और यूटिलिटी डायवर्जन जैसे कार्य पहले ही शुरू हो चुके हैं। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (UPMRC) ने कानपुर और आगरा मेट्रो परियोजनाओं के विशेषज्ञों की मदद से इन प्रारंभिक कार्यों को तेजी से पूरा करने का लक्ष्य रखा है। ग्राउंड वर्क के लिए लगभग डेढ़ करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया गया है।
UPMRC ने इस परियोजना को चार वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। हालांकि, सामान्यतः ऐसी परियोजनाओं में छह साल का समय लगता है, लेकिन प्रारंभिक कार्यों को पहले से ही शुरू करके निर्माण कार्य की गति बढ़ाने की योजना है। इससे लखनऊ के निवासियों को शीघ्र ही मेट्रो सेवा का विस्तारित लाभ मिल सकेगा।
परियोजना की वित्तीय व्यवस्था
लखनऊ मेट्रो के दूसरे चरण के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) को सरकार द्वारा मंजूरी मिल चुकी है। अब इस रिपोर्ट का गहन अध्ययन किया जा रहा है। आगामी बजट में इस परियोजना के लिए धनराशि आवंटित की जाएगी, जिससे निर्माण कार्य की गति और तेज होगी।
परियोजना के लाभ और प्रभाव
लखनऊ मेट्रो के दूसरे चरण के पूरा होने से शहर की सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में महत्वपूर्ण सुधार होगा। यह परियोजना शहर के विभिन्न हिस्सों को जोड़ते हुए यातायात की भीड़ को कम करेगी और यात्रियों को सुरक्षित, तेज़ और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव प्रदान करेगी। विशेष रूप से, पुराने लखनऊ के निवासियों को मेट्रो सेवा का लाभ मिलेगा, जिससे उनकी यात्रा और भी सुगम होगी।
मेट्रो के दूसरे चरण के निर्माण के दौरान कुछ चुनौतियां भी सामने आ सकती हैं, जैसे कि घनी आबादी वाले क्षेत्रों में निर्माण कार्य करना, यातायात प्रबंधन, और यूटिलिटी सेवाओं का डायवर्जन। इन चुनौतियों से निपटने के लिए UPMRC ने विशेषज्ञों की टीम गठित की है, जो सुनिश्चित करेगी कि निर्माण कार्य सुचारू रूप से चले और नागरिकों को कम से कम असुविधा हो।
निवासियों की प्रतिक्रियाएं
शहर के निवासियों ने मेट्रो के दूसरे चरण की घोषणा का स्वागत किया है। उनका मानना है कि इससे न केवल यातायात की समस्याओं का समाधान होगा, बल्कि शहर के विकास में भी तेजी आएगी। व्यापारियों और छात्रों ने विशेष रूप से इस परियोजना की सराहना की है, क्योंकि इससे उनकी दैनिक यात्रा में सुविधा होगी।
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भविष्य की योजनाएं
लखनऊ मेट्रो के दूसरे चरण के बाद, UPMRC की योजना शहर के अन्य हिस्सों में भी मेट्रो सेवा का विस्तार करने की है। इससे लखनऊ को एक विश्वस्तरीय सार्वजनिक परिवहन प्रणाली मिल सकेगी, जो शहर के समग्र विकास में सहायक होगी।
लखनऊ मेट्रो का दूसरा चरण शहर के विकास और निवासियों की सुविधा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस परियोजना के सफलतापूर्वक पूरा होने से लखनऊ की परिवहन प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव आएगा, जिससे शहर की अर्थव्यवस्था और जीवनस्तर में सुधार होगा।
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