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जैसलमेर

पोकरण :ग्रामीण पर्यटन योजना, न जानकारी, न रुचि और न योजना

राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2022 में शुरू की गई ‘राजस्थान ग्रामीण पर्यटन योजना’ सरहदी जिले पोकरण के गांवों और धोरों तक अब तक नहीं पहुंच पाई है।

जैसलमेरApr 06, 2025 / 08:32 pm

Deepak Vyas

jsm
राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2022 में शुरू की गई ‘राजस्थान ग्रामीण पर्यटन योजना’ सरहदी जिले पोकरण के गांवों और धोरों तक अब तक नहीं पहुंच पाई है। न तो यहां के लोगों को योजना की पर्याप्त जानकारी है और न ही इसमें वे कोई खास रुचि ले रहे हैं। नतीजतन योजना जमीनी धरातल पर उतरने से पहले ही कागजों में दबी रह गई है। गौरतलब है कि पर्यटकों को ग्रामीण जीवन, लोक कला, संस्कृति और परंपराओं से जोड़ते हुए गांवों में कृषि पर्यटन, होम स्टे, गेस्ट हाउस और कैंपिंग साइट्स विकसित करना था। सरकार की मंशा थी कि इन माध्यमों से स्थानीय रोजगार बढ़े, ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हो और गांव पर्यटन का केंद्र बनें, लेकिन योजना को न प्रचार मिला, न प्रोत्साहन।

रेगिस्तान, संस्कृति और शिल्प—पर्यटन की संभावना अपार

पोकरण क्षेत्र के गांवों में फैले रेतीले धोरे, मिट्टी कला, पारंपरिक कशीदाकारी, लोक संस्कृति और ग्रामीण जीवन विदेशी पर्यटकों को आकर्षित कर सकते हैं। लेकिन अब तक न तो विभाग ने प्रचार किया और न ही ग्रामीणों को इससे जोडऩे की कोई गंभीर कोशिश की।

….तो बदल सकेगी तस्वीर

पर्यटन विशेषज्ञ पुष्पेंद्र व्यास के अनुसार वर्तमान में जो पर्यटक पोकरण होते हुए जैसलमेर पहुंचते हैं, वे गांवों में बसती लोक संस्कृति से अनजान ही रह जाते हैं। यदि गांवों को योजना से जोड़ा जाए और स्थानीय लोग इसके लिए पंजीयन करवाएं, तो पर्यटन की एक नई धारा शुरू हो सकती है। इससे न केवल क्षेत्र को नई पहचान मिलेगी, बल्कि ग्रामीणों को रोजगार भी मिलेगा।

फैक्ट फाइल

110 किमी दूर है पोकरण, जैसलमेर मुख्यालय से
9598 वर्गकिमी में फैला है पोकरण क्षेत्र

2022 में शुरू हुई थी योजना

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