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जैसलमेर

चिकित्सा महकमा: हीटवेव से निपटना अब सबसे बड़ी चुनौती

मरुस्थलीय जैसलमेर में गर्मी का आगाज इस बार बेहद तेज है। अप्रेल के पहले सप्ताह में ही तापमान 45 डिग्री को छू गया है, जबकि मई-जून की तपिश अभी बाकी है।

जैसलमेरApr 07, 2025 / 09:07 pm

Deepak Vyas

jsm
मरुस्थलीय जैसलमेर में गर्मी का आगाज इस बार बेहद तेज है। अप्रेल के पहले सप्ताह में ही तापमान 45 डिग्री को छू गया है, जबकि मई-जून की तपिश अभी बाकी है। इस भीषण गर्मी में जहां खुले में काम करने वाले मजदूर और निर्धन तबका सबसे अधिक प्रभावित हो सकता है, वहीं बुजुर्गों और बच्चों के लिए भी यह समय चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। जिला चिकित्सा विभाग ने गर्मी से निपटने के लिए तैयारियों का दावा किया है। शहरी और ग्रामीण इलाकों के लिए रैपिड एक्शन रेस्पोंस टीम गठित की गई है, जो लू से प्रभावित व्यक्ति के पास तुरंत पहुंचेगी और प्राथमिक उपचार देगी। जैसलमेर और पोकरण के जिला चिकित्सालयों में गर्मी और लू से पीडि़तों के लिए विशेष वार्ड बनाए गए हैं, जहां कूलर और एयरकंडीशनर लगाने की योजना है।
सीएचसी स्तर पर 5 और पीएचसी स्तर पर 2 बेड गर्मी प्रभावित मरीजों के लिए आरक्षित रहेंगे। विभाग का दावा है कि सभी दवाएं, ओआरएस, जिंक टेबलेट्स और अन्य जरूरी सामग्री स्टॉक में रखी गई हैं।

हकीकत: जिला अस्पताल में नहीं लगे कूलर

पत्रिका टीम ने रविवार को जैसलमेर जिला अस्पताल का जायजा लिया। यहां अभी तक भर्ती मरीजों के वार्ड में कूलर नहीं लगाए गए हैं। केवल पंखे चल रहे हैं। मरीजों की संख्या हालांकि अभी कम है, लेकिन तापमान के बढ़ते रुझान को देखते हुए यह संख्या जल्द ही बढ़ सकती है।

स्वास्थ्य संकट की चेतावनी

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अप्रेल में ही तापमान 45 डिग्री तक पहुंच जाना चिंता का विषय है। आने वाले दिनों में तापमान और बढ़ सकता है, जिससे ब्लड प्रेशर, डिहाइड्रेशन, स्ट्रोक और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा भी बढ़ेगा। मौसम विभाग ने अप्रैल में हीटवेव की चेतावनी जारी की है।
विशेषज्ञों का मानना है कि हीटवेव के दौरान शरीर की पानी की आवश्यकता बहुत बढ़ जाती है। खासकर बच्चे और बुजुर्ग अधिक संवेदनशील होते हैं। लंबे समय तक गर्मी में रहने से हीट एग्जॉशन और हीट स्ट्रोक का खतरा रहता है, जो जानलेवा भी हो सकता है।

गर्मी में सावधानी जरूरी

-सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक धूप में निकलने से बचें।

-हल्के रंग के, ढीले और सूती कपड़े पहनें।

पानी और नींबू पानी जैसे तरल पदार्थों का खूब सेवन करें।
-बाहर जाते समय सिर व शरीर को ढक कर निकलें।

-चाय, कॉफी, कोल्ड ड्रिंक और शराब के सेवन से बचें। इनमें कैफीन या शक्कर अधिक होती है, जो शरीर को डिहाइड्रेट कर सकती है।
  • यदि सिरदर्द, कमजोरी, उल्टी या चक्कर जैसा कुछ लगे तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।

स्वास्थ्य विभाग दावा- तैयारी पूर्ण

जैसलमेर सीएमएचओ डॉ. राजेन्द्र कुमार पालीवाल ने बताया कि सभी सीएचसी और पीएचसी पर तैयारी पूरी है। कूलर-पंखे दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। ओआरएस, जरूरी दवाइयां उपलब्ध कराई गई हैं और एएनएम को गर्मी में पीडि़तों की पहचान कर तुरंत उपचार शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।

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