यों मिलेगी राहत
नारायण सिंह सर्कल पर दिनभर यातायात का दबाव रहता है। अजमेरी गेट से आने पर हमेशा जाम मिलता है। दिनभर 15 से 20 बसें मुख्य टोंक रोड पर खड़ी रहती हैं। बस स्टैंड शिफ्ट होने से अन्य वाहनों की आवाजाही आसान होगी। गोविंद मार्ग पर बसों की आवाजाही से न सिर्फ जाम रहता है, बल्कि व्यापार भी प्रभावित होता है। कई बार बसों की वजह से हादसे भी हो चुके हैं।जाम से निजात के लिए भी जरूरी
शहर में जाम के पॉइंट्स बढ़ते जा रहे हैं। इसको लेकर पत्रिका खबरें प्रकाशित करता रहा है। अगली कड़ी में रोडवेज को हीरापुरा बस टर्मिनल को शुरू करना चाहिए ताकि अजमेर की ओर जाने वाली बसें शहर में प्रवेश न करें। हीरापुरा बस टर्मिनल तैयार है, लेकिन अधिकारियों के लचर रवैए की वजह से इसे चालू नहीं किया जा सका है।अभी ये हाल
दिल्ली रूट: 300 बसों की आवाजही होती है। इन बसों में करीब 11 हजार से अधिक यात्री सफर करते हैं।आगरा रूट: 180 बसों का संचालन होता है। इन बसों में सात हजार से अधिक बसों का संचालन होता है।
(300 निजी बसों का भी संचालन होता है। 10 हजार से अधिक यात्रियों की आवाजाही होती है।)
पत्रिका ने उठाया था मुद्दा
राजस्थान पत्रिका ने बीते दिनों नारायण सिंह सर्कल से बस स्टैंड शिफ्ट करने का मामला प्रमुखता से उठाया था। बताया था कि इसके कारण शहरवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।इन सर्कल को किया जाएगा छोटा
-धोबी घाट सर्कल, दिल्ली रोड-महर्षि परशुराम सर्कल, विद्याधर नगर
-मंदिर मोड़ सर्कल, विद्याधर नगर
-संजय सर्कल
-पोलो सर्कल
-शालीमार तिराहा
-अपेक्स सर्कल, मालवीय नगर
-रोटरी सर्कल, आगरा रोड