क्रिस्टी का चुनाव ओलंपिक खेलों तक पहुंचने वाली महिला खिलाडिय़ों में भी नए उत्साह का संचार करने वाला है। साथ ही यह भी कि अब इस पद पर आने वाले समय में महिलाओं को और मौका मिलने के दरवाजे खुल गए हैं। जाहिर है अब जो महिलाएं सामने आएंगी उनको इतना लंबा इंतजार नहीं करना होगा। न सिर्फ ओलंपिक बल्कि क्रिस्टी का यह ओहदा अन्य खेलों में भी शीर्ष प्रशासकीय पदों पर महिलाओं की मौजूदगी को बढ़ाने वाला होगा। ओलंपिक समिति की प्रमुख के रूप में किसी महिला के आने पर आने वाले बदलाव को तो समय ही बताएगा लेकिन यह उम्मीद जरूर की जानी चाहिए कि खेल व खिलाडिय़ों को लेकर सोच में बदलाव जरूर आएगा। क्रिस्टी खुद अपने देश जिम्बाब्वे की खेल मंत्री रहीं हैं। साथ ही तैराकी में दो बार ओलंपिक स्वर्ण पदक भी जीत चुकी हैं। क्रिस्टी ने खुद कहा है कि पुरानी परम्पराओं की चुनौती देना उनका जुनून है और वे ओलंपिक खेलों को युवा पीढ़ी के लिए आसान बनाना चाहती है। यह भी उम्मीद की जानी चाहिए कि महिला खिलाडिय़ों को लेकर भी ओलंपिक समिति का रुख अब अपेक्षाकृत ज्यादा संवेदनशील होगा।