महोत्सव में 100 से अधिक लोक कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसमें विभिन्न प्रकार के पारंपरिक और लोक नृत्य प्रस्तुत किए जा रहे हैं। यह आयोजन, खजुराहो के शिल्पग्राम में लंबे समय बाद हो रहा है, जो एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण स्थल है। इस चार दिवसीय महोत्सव में देशभर से आए कलाकारों के नृत्य कार्यक्रमों के साथ-साथ स्थानीय बुंदेली लोक संस्कृति और नृत्य की भी विशेष प्रस्तुति दी जा रही है।
दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र नागपुर की निदेशक आस्था कार्लेकर ने कहा कि इस महोत्सव का उद्देश्य भारतीय लोक कला और संस्कृति को प्रोत्साहित करना और उन कलाकारों को एक मंच प्रदान करना है, जिन्हें शायद अन्यथा वह अवसर नहीं मिल पाते।
इस महोत्सव में भारत के विभिन्न राज्यों जैसे पंजाब, राजस्थान, गुजरात, बिहार, ओडिशा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, और उत्तराखंड के कलाकारों द्वारा अपनी-अपनी पारंपरिक नृत्य प्रस्तुतियां दी जा रही हैं। प्रत्येक राज्य की विशेष नृत्य विधाएं जैसे पंजाब का भंगड़ा, राजस्थान का कालबेलिया, गुजरात का गरबा, बिहार का झूमर, और ओडिशा का ओडिसी नृत्य जैसे प्रमुख लोक नृत्यों का समावेश किया गया है।
महोत्सव में एक विशेष आकर्षण बुंदेली लोक संस्कृति और नृत्य का प्रदर्शन भी है। इन प्रस्तुति के माध्यम से बुंदेली संस्कृति की मिट्टी से जुड़ी ध्वनियां और रंग उजागर हो रहे हैं। इसके अलावा कार्यक्रम में प्रवेश निशुल्क रखा गया है, ताकि सभी कला प्रेमी इस ऐतिहासिक और सांस्कृतिक आयोजन का हिस्सा बन सकें। यह महोत्सव 4 मार्च को विशेष नृत्य प्रस्तुति के साथ समाप्त होगा।