वहीं घटना से आक्रोशित किसानों ने बूंदी-बिजोलिया स्टेट हाइवे पर फेक्ट्री के गेट पर जाम लगाकर विरोध शुरू कर दिया। दो घंटे से अधिक जाम लगने से किसानों में आक्रोश देखने को मिला। जाम लगने से सडक़ो के दोनों ओर वाहनो की रेमपेल लग गई। कुछ देर बाद प्रशासनिक व पुलिस आमला पहुंचा ओर समझाईश के प्रयास किए। जानकारी के अनुसार खुनेटिया रोड़ स्थित प्रदीप सिंह व हरविंदर सिंह के खेतों में कंबाइन मशीन से गेंहू की कटाई चल रही थी। फैक्ट्री के निकल रही 33 केवी विद्युत लाइन के एक पॉल का इंसुलेटर स्पार्किंग के साथ टूट गया और विद्युत तार नीचे लटक गया। स्पार्किंग से गेहूं के खेतों में आग लग गई। किसानों ने आनन फानन में ट्रैक्टरों से खेतों को जोतकर आग को आगे बढऩे से रोकने का प्रयास किया,लेकिन हवा की गति तेज होने से 50 बीघा से अधिक फसल जल गई। बाद में दमकल भी मौके पर पंहुची तथा बड़ी मशक्कत से आग पर काबू पाया जा सका। घटना से आक्रोशित किसानों ने बूंदी बिजोलिया स्टेट हाइवे पर जाम लगाकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। किसानों का आरोप है कि पूर्व में भी इस जगह लाइन में दो बार फाल्ट आ गया था,लेकिन विद्युत विभाग ने ध्यान नहीं दिया। किसानों ने फेक्ट्री के लिए खेतों के ऊपर से निकाली गई 33 केवी विद्युत लाइन का भी विरोध करते हुए जमकर नारेबाजी की। किसान पीडि़त किसानों को तत्काल मुवावजा दिलाने की मांग पर अड़ गए। सूचना पर उपखंड अधिकारी एच.डी.ङ्क्षसह, पुलिस उप अधीक्षक अरुण मिश्रा व सदर थाना प्रभारी रमेशचंद आर्य मौके पर पहुंचे ओर विरोध कर रहे किसानों को उचित मुआवजा दिलाने की सहमति पर जाम हटाया।