पिछले साल बिलासपुर जिले को लगभग 350 करोड़ का राजस्व जमीन की रजिस्ट्री से मिला था, जो लक्ष्य के करीब था। इस साल 320 करोड़ के आसपास ही खरीदी बिक्री हो सकी, जो लक्ष्य से कम है।
वसूली लक्ष्य से कम
राज्य सरकार लगातार पांच साल से रजिस्ट्री का टारगेट बढ़ाती रही है क्योंकि हर साल रिकार्ड रजिस्ट्री से राजस्व मिलता रहा। पिछले साल भी 2023-24 में 350 करोड़ से ज्यादा का लक्ष्य जिले को दिया गया था। इस साल 470 करोड़ रुपए टारगेट दिया गया, जिससे विभाग काफी पीछे रह गया। अब वर्ष 2025-26 के लिए टारगेट और गाइड लाइन का इंतजार किया जा रहा है। 15 अप्रैल तक भेजी जाएगी रिपोर्ट
पंजीयन विभाग रायपुर ने कलेक्टरों को इस संदर्भ में पत्र भेजा है। प्रशासन ने जिले के सभी तहसील और ब्लॉक से कृषि, आवासीय, व्यवसायिक जमीनों की खरीद बिक्री दरों की जानकारी मंगवाई है। 15 अप्रैल तक सभी जिलों से रिपोर्ट रायपुर जाएगी। इसके बाद सरकार स्तर पर निर्णय किया जाएगा कि रेट बढ़ाया जाए या फिर यथावत रखा जाए।
6 साल से नहीं बढ़ी हैं कलेक्टर गाइड लाइन मूल्य और दरें
वर्ष 2019 से
छत्तीसगढ़ में जमीन की गाइड लाइन दरों में परिवर्तन न होने से रजिस्ट्री शुल्क में कोई वृद्धि नहीं हुई है। जमीन की सरकारी गाइडलाइन मूल्य न बढ़ने से प्रदेश के लोगों को जमीन की खरीद और रजिस्ट्री में राहत मिलती रही है। लेकिन इससे रजिस्ट्री राजस्व का लक्ष्य पाने में भी दिक्कत हो रही है। गाइडलाइन दरें बढ़ने से जमीनों का रेट बढ़ेगा, इसका लाभ जमीन मालिकों और विक्रेताओं को भी मिलेगा।
शासन की ओर से नए वित्तीय वर्ष के लिए गाइड लाइन न मिलने से पुरानी दरों पर ही जमीन रजिस्ट्री हो रही है। जिला, तहसील और ब्लॉक स्तर से जमीन के खरीद मूल्य की जानकारी संबंधित अधिकारियों के माध्यम से मंगवाकर रायपुर भेजी जाएगी। इसके बाद जो भी निर्देश मिलेंगे उस अनुसार रजिस्ट्री की जाएगी। – आर. स्वर्णकार, जिला पंजीयक