झामुमो नेता ने बयान पर दी सफाई
झामुमो नेता हफीजुल हसन ने अपने बयान पर सियासी बवाल मचता देख अब सफाई दी है। उन्होंने कहा कि “मैंने ‘मैं नहीं हम’ कहा है। आप मेरा पूरा बयान देखिए। मैं मंत्री हूं, हम में सभी शामिल हैं। मंत्री संविधान में विश्वास करता है और उसी के अनुसार काम करता है। शरीयत का भी अपना स्थान है। लोग हनुमान जी को अपने दिल में रखते हैं। यह कहने का एक तरीका है। मैंने भी कुछ ऐसा ही कहा। सब लोग इसे तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं। जब आप मेरा पूरा 5-6 मिनट का भाषण देखेंगे तो आपको पता चल जाएगा कि मैंने क्या कहा था।
केंद्रीय मंत्री मेघवाल ने की निंदा
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने झारखंड के मंत्री हसन अंसारी बयान की निंदा की है। उन्होंने कहा कि आज बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती है। हम सभी को संविधान का सम्मान करना चाहिए। अगर कोई संविधान के खिलाफ ऐसी बात बोलता है तो यह बिल्कुल भी ठीक नहीं है। यह निंदनीय है।
‘कांग्रेस को जवाब देना चाहिए’
बीजेपी नेता आर.पी. सिंह ने हफीजुल हसन के बयान पर कहा कि हमने नहीं उन्होंने खुद कहा कि शरिया मेरे दिल में है और संविधान मेरे हाथ में है। मैं शरिया को पहले मानूंगा और संविधान को बाद में मानूंगा। यह देश बाबा साहब अंबेडकर जी के संविधान से चलता है। यह मेरे धार्मिक ग्रंथ और कानून के हिसाब से नहीं चलेगा। कांग्रेस को इसका जवाब देना चाहिए क्योंकि झारखंड में वे JMM के साथ गठबंधन में हैं।
BJP अध्यक्ष मरांडी ने दी प्रतिक्रिया
हेमंत सोरेन सरकार के मंत्री के बयान पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल स्पष्ट हो गया है कि आज कांग्रेस और JMM के लोग जो संविधान की कॉपी जेब में रखकर घूमते हैं और कहते हैं कि हम संविधान के रक्षक हैं, ये एक तरह का मजाक है। वास्तविकता क्या है वह हफीजुल हसन अंसारी के मुंह से निकली। ‘कांग्रेस और जेएमएम स्पष्टीकरण दे’
उन्होंने कहा कि वे शरीयत को संविधान से ऊपर मानते हैं। भाजपा मांग करती है कि कांग्रेस, JMM इस पर स्पष्टीकरण दे और ऐसे मंत्री को मंत्री पद से हटाया जाए। कांग्रेस और JMM स्पष्ट करें कि वे इस बयान से सहमत हैं या असहमत।
मंत्री हसन ने क्या कहा था?
झारखंड सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन अंसारी ने कहा था कि शरीयत मेरे लिए बड़ा है। हम कुरान सीने में रखते हैं और हाथ में रखते हैं संविधान। मुसलमान कुरान सीने में और संविधान हाथ में लेकर चलता है। तो, हम पहले शरीयत को पकडेंगे, उसके बाद संविधान…मेरा इस्लाम यही कहता है।