scriptशहर की खुशहाली को लग रही नजर, चढ़ता जा रहा उदासी का Òकर्जÓ | The prosperity of the city is under threat, the debt of sadness is increasing | Patrika News
बीकानेर

शहर की खुशहाली को लग रही नजर, चढ़ता जा रहा उदासी का Òकर्जÓ

पिछले कुछ बरसों से शहर के उल्लास को जैसे गाहे-बगाहे किसी की नजर लग जाती है। पूरे साल खुशियां और सकारात्मकता का भाव बिखेरती खबरों के बीच चंद बार हवा कुछ ऐसी चलती है, जो चाहे-अनचाहे फिजां में उदासी का अहसास करा ही देती है। ऐसा ही एक वाकया फिर बुधवार रात को सामने आया, जब वल्लभ गार्डन कॉलोनी में एक ही परिवार के तीन सदस्यों की रहस्यात्मक परिस्थितियों में मौत हो गई।

बीकानेरMar 20, 2025 / 01:15 am

Jai Prakash Gahlot

पिछले कुछ वर्ष में हुई घटनाओं से शहर सहमा
बीकानेर.
पिछले कुछ बरसों से शहर के उल्लास को जैसे गाहे-बगाहे किसी की नजर लग जाती है। पूरे साल खुशियां और सकारात्मकता का भाव बिखेरती खबरों के बीच चंद बार हवा कुछ ऐसी चलती है, जो चाहे-अनचाहे फिजां में उदासी का अहसास करा ही देती है। ऐसा ही एक वाकया फिर बुधवार रात को सामने आया, जब वल्लभ गार्डन कॉलोनी में एक ही परिवार के तीन सदस्यों की रहस्यात्मक परिस्थितियों में मौत हो गई। यह आत्महत्या है या हत्या या फिर कुछ और…इस बारे में भी पुलिस अभी अंधेरे में है। इसी के साथ कुछ पिछली घटनाएं भी टीस को उभारने लगीं, जिन्होंने शहर को गहरे जख्म दिए।
…तब कर्ज ने उजाड़ दी थी एक परिवार की दुनियां
जय नारायण व्यास कॉलोनी सेक्टर पांच में एक अक्टूबर, 2024 को राहुल मारु, उसकी पत्नी रुचि मारु एवं आराध्या मारु के शव घर में मिले थे, जबकि राहुल का छोटा बेटा चैतन्य अचेत मिला था। पुलिस की मानें, तो राहुल ने परिवार सहित आत्महत्या का प्रयास किया, जिसमें पति-पत्नी व उसके एक बेटे की मौत हो गई थी, जबकि छोटा बेटा चैतन्य बच गया था। पुलिस जांच में सामने आया कि राहुल कर्ज और पत्नी की बीमारी से परेशान था।…यहां भी कर्ज ने ही दिया दर्द
मुक्ताप्रसाद थाना इलाके के अंत्योदय नगर में 14 दिसंबर 23 में हनुमान सोनी ने अपने परिवार सहित आत्महत्या कर ली। घर से हनुमान सोनी, उसकी पत्नी विमला, बेटा मोहित उर्फ मोनू, ऋषि एवं बेटी गुड्डू के शव मिले थे। हनुमान परिवार के साथ किराए के मकान में रहता था। वह कर्ज से परेशान था।
फिर उठा सवाल: हंसमुख परिवार कैसे पहुंचा इस हाल में
बुधवार की घटना को लेकर मिली जानकारी के मुताबिक, नितिन इलेक्ट्रीशियन था। पंखे, कूलर की मरम्मत के अलावा बिजली का सामान भी बेचता था। वल्लभ गार्डन में ही उसकी दुकान थी। वह बहुत मेहनती, हंसमुख और अच्छे व्यवहार वाला था। पत्नी व बेटी भी ऐसे ही थे। हालांकि, वे अधिकांश समय घर पर ही बिताते थे। वह अपनी बेटी को खेल एकेडमी में डालना चाहता था। नितिन समाजसेवी इकबाल खान का मित्र भी था। वह 20 दिन पहले इकबाल से मिला, तब बेटी जेसिका को खेल एकेडमी में डालने की बात की थी। ऐसे में अचानक क्या हुआ…शहर में फिर से यह सवाल उठ खड़ा हुआ है।

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