बारादरी के फाइक इंक्लेव कॉलोनी निवासी जावेद अली खान ने बताया कि उनके कार्यालय में कार्यरत फरीद और सुभान जरूरी दस्तावेजों की फोटोस्टेट कराने बिहारीपुर मोहल्ले स्थित गुप्ता फोटोस्टेट की दुकान पहुंचे थे। उसी समय दुकान पर पहले से मौजूद इकरार अहमद उर्फ दन्नी, जावेद अली खान के नाम से कुछ दस्तावेजों की प्रिंटिंग करा रहा था।
कम्प्यूटर पर तस्वीरें देख हुआ मामले का खुलासा
कंप्यूटर स्क्रीन पर जैसे ही जावेद अली और फैयजा की फोटो नजर आई, दोनों कर्मचारियों को शक हुआ। उन्होंने तुरंत पीड़ित को सूचना दी। पीड़ित तत्काल मौके पर पहुंचा और दुकान स्वामी पवन गुप्ता से जानकारी ली। जब कंप्यूटर की जांच की गई तो उसमें खुला नामा / तलाकनामा / समझौता पत्र समेत कागजों की एक पीडीएफ फाइल मिली, जिसमें पीड़ित के नाम, फर्जी हस्ताक्षर और अंगूठे के निशान मौजूद थे।
झूठे मुकदमे में फंसाने के लिए रचा षड्यंत्र
पीड़ित का आरोप है कि इकरार अहमद उर्फ दन्नी ने फैयजा पत्नी चंदा मियां और एक अज्ञात व्यक्ति के साथ मिलकर एक सुनियोजित आपराधिक षड्यंत्र के तहत ये फर्जी दस्तावेज तैयार किए हैं। पीड़ित का कहना है कि इन दस्तावेजों का प्रयोग पूर्व में चल रहे पारिवारिक विवाद से संबंधित मुकदमे में झूठे साक्ष्य के तौर पर किया जाना था, जिससे उसे बदनाम और ब्लैकमेल किया जा सके।
पीड़ित ने जताया अपनी जान को खतरा
पीड़ित ने यह भी आशंका जताई है कि आरोपी किसी बड़े धार्मिक संगठन से जुड़े हो सकते हैं और उन्होंने उसकी हत्या की साजिश भी रची हो सकती है। उनका कहना है कि उपरोक्त व्यक्ति किसी भी समय उन पर जानलेवा हमला करवा सकते हैं। पीड़ित ने इस पूरे मामले की शिकायत कोतवाली पुलिस से की, जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।