भाजपा ने डॉ. अंबेडकर को सम्मान दिलाया, कांग्रेस ने किया अपमान: गोविंद नारायण शुक्ला
मुख्य वक्ता गोविंद नारायण शुक्ला ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकारों ने सदैव डॉ. अंबेडकर को सम्मान दिलाने का कार्य किया, जबकि कांग्रेस ने उनके योगदान की निरंतर उपेक्षा की। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने पहली बार सुप्रीम कोर्ट परिसर में कानून मंत्रालय में डॉ. अंबेडकर की मूर्ति स्थापित कर उन्हें विधिक सम्मान दिया। इसके अलावा, लंदन स्थित उनके निवास को सरकार ने स्मारक व सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित किया। उन्होंने आगे कहा कि बाबा साहब की 125वीं जयंती पर 120 देशों में स्मृति कार्यक्रम आयोजित किए गए और संयुक्त राष्ट्र में भी 2016 में पहली बार अंबेडकर जयंती मनाई गई। प्रधानमंत्री मोदी ने बाबा साहब के जीवन से जुड़ी पांच प्रमुख स्थलों को “पंचतीर्थ” के रूप में विकसित किया।कांग्रेस ने बार-बार किया बाबा साहब का अपमान: प्रशांत सिंह अटल
प्रदेश विधि प्रकोष्ठ संयोजक प्रशांत सिंह अटल ने डॉ. अंबेडकर के साथ कांग्रेस द्वारा किए गए व्यवहार को विस्तार से रखते हुए कहा कि कांग्रेस ने उन्हें चुनावों में हराने के लिए कई साजिशें रचीं। उन्होंने बताया कि बंबई प्रेसीडेंसी चुनाव में कांग्रेस ने उनके खिलाफ तत्कालीन क्रिकेटर बालू पालवांकर को खड़ा किया, पर हार का सामना करना पड़ा। डॉ. अंबेडकर को संविधान सभा में पहुँचने से रोकने के लिए कांग्रेस ने उनके लिए संभावित सीटों को पाकिस्तान के हिस्से में जाने दिया। अंततः हिंदू महासभा के नेता एम.आर. जयकर ने अपनी पुणे सीट से इस्तीफा देकर उन्हें संविधान सभा में पहुँचाया।नेहरू सरकार ने की अनदेखी: डॉ. उमेश गौतम
बरेली के महापौर डॉ. उमेश गौतम ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू डॉ. अंबेडकर को संविधान निर्माण में शामिल नहीं करना चाहते थे। नेहरू की निष्क्रियता और पिछड़े वर्गों की उपेक्षा के चलते अंबेडकर ने 1951 में मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। संसद में अपने इस्तीफा भाषण में उन्होंने सरकार की नीतियों पर खुलकर असहमति जताई। उन्होंने बताया कि डॉ. अंबेडकर को योजना विभाग देने का वादा भी झूठा निकला, और जैसे ही नेहरू इंग्लैंड से लौटे, उन्होंने अंबेडकर को आर्थिक मामलों की समिति से हटा दिया।अंतिम यात्रा में भी उपेक्षा, सम्मान भाजपा ने दिलाया: संजीव अग्रवाल
कैंट विधायक संजीव अग्रवाल ने कहा कि डॉ. अंबेडकर की मृत्यु के बाद कांग्रेस सरकार ने दिल्ली में उनके अंतिम संस्कार की अनुमति नहीं दी। सरकारी विमान तक उपलब्ध नहीं कराया गया और उनके पार्थिव शरीर को मुंबई भेजने का खर्च उनकी पत्नी को वहन करना पड़ा। नेहरू ने दिल्ली स्थित अंबेडकर निवास को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने के प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया था। यह कार्य 2016 में प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से हुआ और 2018 में स्मारक का उद्घाटन हुआ।भारत रत्न देने में भी कांग्रेस रही पीछे: सांसद छत्रपाल गंगवार
सांसद छत्रपाल गंगवार ने कहा कि नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के कार्यकाल में डॉ. अंबेडकर को भारत रत्न नहीं दिया गया, जबकि उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाले नारायण काजोलकर को कांग्रेस ने पद्म भूषण से नवाज़ा।1990 में भाजपा समर्थित सरकार ने बाबा साहब को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया। अटल बिहारी वाजपेयी ने संसद भवन में अंबेडकर का चित्र लगवाया। उन्होंने यह भी कहा कि एनसीईआरटी की एक किताब में आपत्तिजनक कार्टून शामिल किया गया, जिसमें नेहरू को अंबेडकर को चाबुक मारते दिखाया गया, जो कांग्रेस की मानसिकता को दर्शाता है।