100 दिन में हुआ चौकी का निर्माण
28 दिसंबर 2024 को पुलिस चौकी का निर्माण कार्य भूमि पूजन के साथ शुरू हुआ था। पूरे 100 दिन बाद, 6 अप्रैल 2025 को चौकी का उद्घाटन किया गया। उद्घाटन समारोह का आयोजन शुभ अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 1 से 1:30 बजे के बीच किया गया।
आकर्षक सजावट और धार्मिक वातावरण
उद्घाटन के मौके पर सत्यव्रत पुलिस चौकी को फूलों, लाइटों और गुब्बारों से सजाया गया। हवन-पूजन के बाद चौकी में विधिवत कामकाज शुरू किया गया। चौकी के मुख्य द्वार पर महाभारत के रथ की सुंदर आकृति तैयार कराई गई है, जो राजस्थानी राजमहल पत्थर से बनी है। इसे बनाने के लिए विशेष रूप से राजस्थान से कारीगर बुलाए गए थे।
महाभारत श्लोक और संविधान की पेंटिंग
चौकी के भीतर प्रवेश करते ही सामने की दीवार पर महाभारत से लिया गया एक श्लोक लिखा गया है। मुख्य द्वार पर भारत के संविधान के मुख्य पृष्ठ पर बनी प्रसिद्ध तस्वीर की पेंटिंग भी तैयार कराई गई है। इस पेंटिंग को अनुज रस्तोगी ने मात्र 10 दिन में तैयार किया, जबकि आमतौर पर इसमें दो महीने का समय लगता है। पेंटिंग में उपयोग किए गए रंग धूप और पानी से अप्रभावित रहेंगे और वर्षों तक सुरक्षित रहेंगे।
क्यों जरूरी था सत्यव्रत चौकी का निर्माण?
19 नवंबर 2024 को संभल की चंदौसी कोर्ट में हिंदू पक्ष द्वारा शाही जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर बताते हुए दावा किया गया था। कोर्ट के आदेश पर 19 और 24 नवंबर को सर्वेक्षण हुआ। 24 नवंबर को सर्वे के दौरान हिंसा भड़क उठी, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और एसपी-सीओ समेत 29 पुलिसकर्मी घायल हुए। इस घटना के बाद क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस चौकी स्थापित करने का निर्णय लिया गया। आधुनिक सुविधाओं से लैस है चौकी
सत्यव्रत पुलिस चौकी में फोर्स के ठहरने के लिए बड़े कमरे और हॉल बनाए गए हैं। पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगाया गया है ताकि जनता से संवाद किया जा सके। पुलिस कनेक्टिविटी के लिए दूसरी मंजिल पर सेटेलाइट टावर भी स्थापित किया गया है। पूरी चौकी में ग्रेनाइट पत्थर और टाइल्स का प्रयोग किया गया है।
संभल के गौरवशाली अतीत से जुड़ा है नाम
संभल का प्राचीन नाम ‘सत्यव्रत’ रहा है। इसी ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए चौकी का नाम ‘सत्यव्रत पुलिस चौकी’ रखा गया है।