गणना में अच्छे व फास्ट पेस्ड फॉर्मेट में शानदार खेलते हैं…
उनके पिता वेंकटेश ने अपने बेटे को सिखाया कि मोहरे कैसे चलते हैं। इसमें प्रणव को खासतौर पर एक बात बहुत पसंद आई कि घोड़ा कैसे चलता है।


मोंंटेनेग्रो के तटीय शहर पेट्रोवाक में विश्व जूनियर शतरंज चैंपियनशिप जीतकर सुर्खियों में आए 18 वर्षीय भारतीय ग्रैंडमास्टर प्रणव वेंकटेश जिस गति से रणनीति को पहचानते हैं, शायद वही उनकी सबसे बड़ी ताकत है। विश्वनाथन आनंद ने भी उनकी तारीफ करते हुए कहा था कि वह लगातार अपने खेल का विश्लेषण करते हैं, सुझाव देते हैं और फीडबैक लेते हैं। वह फास्ट पेस्ड फॉर्मेट में शानदार हैं और ब्लिट्ज गेम में अपने कौशल के लिए पहले से ही पहचाने जाते हैं।
वह गणना में अच्छे और तीव्र हैं। विराट कोहली और ट्रैविस हेड के प्रशंसक प्रणव को क्रिकेट खेलना पसंद है और वह क्रिकेट सत्रों में भी नियमित रूप से शामिल होते हैं। पहले वह किसी भी अन्य किशोर की तरह क्रिकेट खेलने जाते थे। प्रणव कम बोलने वाले और विनम्र व्यक्ति हैं। उनके पास ज्यादा ध्यान भटकाने वाली चीजें नहीं हैं। उन्हें कॉमेडी फिल्में देखने का शौक है। अपने कोच के साथ मजाक करते हुए फिल्मों के संदर्भ का इस्तेमाल भी करते हैं। रैपिड और ब्लिट्ज जैसे तेज गति वाले फॉर्मेट में महारथी प्रणव को धैर्य को संतुलित करने की ट्रेनिंग उनके कोच श्याम ने दी। शतरंज के प्रति उनका लगाव साढ़े पांच साल की उम्र से ही शुरू हो गया था। जब उन्होंने पहली बार एक दिलचस्प शतरंज सेट देखा। वह अपने पिता के साथ चेन्नई में अपने एक रिश्तेदार से मिलने गए थे और वहां एक शतरंज में मोहरों के आकार को देखकर आकर्षित हो गए। घर लौटने के बाद, प्रणव अपने पिता से इसी तरह का शतरंज सेट खरीदने के लिए कहा। उनके पिता वेंकटेश ने अपने बेटे को सिखाया कि मोहरे कैसे चलते हैं। इसमें प्रणव को खासतौर पर एक बात बहुत पसंद आई कि घोड़ा कैसे चलता है। केलकुलेटिव खेल होने के वजह से यह उन्हें अच्छा लगा और इसके प्रति उनका लगाव बढ़ता चला गया। उन्होंने छह वर्ष की उम्र में शतरंज खेलना शुरू कर दिया था। इस दौरान उन्होंने कई प्रशिक्षकों से प्रशिक्षण लिया। प्रणव वेलाम्मल विद्यालय के छात्र हैं, जो शीर्ष शतरंज खिलाडिय़ों को लगातार तैयार करने के लिए जाना जाता है।
जैसा कि उनके कोच श्याम ने एक साक्षात्कार में बताया कि पिछले कुछ महीनों में उनके शतरंज में काफी सुधार हुआ है, उनकी ओपनिंग काफी अच्छी हो गई। वह ऐसे खिलाड़ी हैं जो हमेशा मुकाबले के लिए तैयार रहते हैं और जीत के लिए खेलना चाहते हैं। वह कम समय के नियंत्रण में उत्कृष्ट हैं। यह शुरू में एक चुनौती थी लेकिन कोच चाहते थे कि वह रैपिड और ब्लिट्ज में अपनी ताकत बनाए रखे क्योंकि एक खिलाड़ी के लिए सभी प्रारूपों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करना विशेष होता है।
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