Tourism In Kodaikanal : वाहनों पर प्रतिबंध से गेस्ट हाउस मालिक और व्यापारी चिंतित
दिण्डीगुल. मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा वाहनों की सीमा तय किए जाने का गेस्ट हाउस मालिक स्वागत कर रहे हैं, लेकिन कोडैकनाल के व्यापारी चिंतित हैं, क्योंकि उनका कहना है कि इस प्रतिबंध से उनका व्यवसाय प्रभावित होगा। वे संबंधित अधिकारियों से नियमों में ढील देने और तालुक में बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए कदम […]
दिण्डीगुल. मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा वाहनों की सीमा तय किए जाने का गेस्ट हाउस मालिक स्वागत कर रहे हैं, लेकिन कोडैकनाल के व्यापारी चिंतित हैं, क्योंकि उनका कहना है कि इस प्रतिबंध से उनका व्यवसाय प्रभावित होगा। वे संबंधित अधिकारियों से नियमों में ढील देने और तालुक में बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए कदम उठाने का आग्रह कर रहे हैं।
अदालत ने कोडैकनाल में सप्ताह के दिनों में वाहनों की सीमा 4,000 और सप्ताहांत में 6,000 तय की है। ये प्रतिबंध 1 अप्रेल से 30 जून तक लागू रहेंगे। सूत्रों ने बताया कि कोडैकनाल तालुक में 3,000 से अधिक गेस्ट हाउस और होमस्टे हैं। उन्होंने बताया कि 7 मई 2024 को जब वाहनों के लिए ई-पास अनिवार्य किया गया था, से लेकर 16 फरवरी 2025 तक करीब 28,70,502 लोगों और 4,76,716 वाहनों ने ई-पास के लिए पंजीकरण कराया, लेकिन सिर्फ 12,98,122 लोगों और 2,11,732 वाहनों ने हिल स्टेशन में प्रवेश किया।
पर्यटन का अस्तित्व सुनिश्चित किया
गेस्ट हाउस के मालिक डी राजकुमार ने कहा, हिल स्टेशन पर मौजूद गेस्ट हाउस, रिसॉर्ट और होटल पूरी तरह से तमिलनाडु और अन्य जगहों से आने वाले पर्यटकों पर निर्भर हैं। ’’वाहनों के प्रतिबंध के कारण व्यवसायी, कर्मचारी और अन्य लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होते हैं। वन विभाग और पर्यटन विभाग को तालुक में व्यवसायों और पर्यटन के अस्तित्व को सुनिश्चित करने के लिए एक योजना बनानी चाहिए। वन विभाग यातायात की भीड़ को कम करने में मदद कर सकता है। उदाहरण के लिए, अगर लोअर प्वाइंट को वर्तमान खुलने के समय सुबह 9 बजे के बजाय सुबह 6 बजे खोला जाता है, तो पर्यटकों को लंबे समय तक इंतजार नहीं करना पड़ता है, जिससे भीड़ कम हो जाती है।’’ कोडैकनाल लघु व्यापारी संघ के पूर्व अध्यक्ष ए. रविकुमार ने कहा कि पिछले पांच दशकों से तालुक में कोई बड़ा बुनियादी ढांचा विकास नहीं किया गया है। कई जगहों पर शौचालयों का खराब रखरखाव भी इसके लिए जिमेदार है। सड़क को चौड़ा नहीं किया गया, जिससे यातायात में भारी भीड़भाड़ होती है।’’ उन्होंने कहा कि कोडैकनाल की सड़कें पड़ोसी केरल के मुन्नार की सड़कों से बिल्कुल अलग हैं। जिला प्रशासन ने कहा कि कोडैकनाल में प्रतिबंध कई कारकों पर आधारित है। उन्होंने कहा, ’’वाहनों और सब्जियों और अन्य कृषि उपज ले जाने वालों की आवाजाही पर कोई प्रतिबंध नहीं है।’’
आवाजाही और कारोबार पर असर
’’कोडैकनाल तालुक के लोगों के लिए खेती और पर्यटन आय का प्राथमिक स्रोत हैं। कड़े प्रतिबंधों से पर्यटकों की आवाजाही प्रभावित होगी और बदले में, इससे हम पर बुरा असर पड़ेगा।
ए. रविकुमार, कोडैकनाल लघु व्यापारी संघ के पूर्व अध्यक्ष