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High Court In Madras : दो साल में 480 दिन सेवाएं देने वाले संविदा श्रमिक स्थाई नियुक्ति के हकदार

High court of madras

चेन्नईMar 19, 2025 / 03:31 pm

P S VIJAY RAGHAVAN

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Madras High Court

सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में संविदा श्रमिकों के नियमितीकरण को प्रभावित करने वाले एक महत्वपूर्ण फैसले में, मद्रास उच्च न्यायालय ने माना है कि अगर संविदा श्रमिक दो क्रमिक साल के भीतर 480 दिन की सेवा पूरी कर लेते हैं, तो वे स्थाई दर्जा पाने के हकदार हैं। जस्टिस डी. भरत चक्रवर्ती ने तमिलनाडु पावर डिस्ट्रीब्यूशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (टीएनपीडीसीएल), जिसे पहले तांजेडको के नाम से जाना जाता था, के अध्यक्ष द्वारा दायर अपीलों के एक बैच को खारिज करते हुए यह फैसला सुनाया।

श्रम विभाग के आदेशों पर अपील

याचिकाओं में 28 अप्रेल 2023 को सहायक श्रम आयुक्त (प्रवर्तन) द्वारा श्रमिकों के पक्ष में जारी आदेशों को रद्द करने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता जी. आनंद गोपालन ने तर्क दिया कि श्रमिकों ने 480 दिनों की निरंतर सेवा नहीं की थी, क्योंकि उन्हें प्रबंधन के नियंत्रण से ठेकेदारों को सौंप दिया गया था। उन्होंने तर्क दिया कि ठेकेदार के अधीन काम की अवधि की गणना नहीं की जा सकती है और प्रबंधन व श्रमिकों के बीच कोई नियोक्ता-कर्मचारी संबंध नहीं है।

प्रबंधन से सीधी नियुक्ति

श्रमिकों की ओर से पेश हुए अधिवक्ता एनजीआर प्रसाद ने दलील दी कि उन्हें अनुबंधित श्रमिकों में परिवर्तित होने से पहले मूल रूप से प्रबंधन द्वारा सीधे नियुक्त किया गया था। चूंकि उन्होंने प्रबंधन के तहत सीधे 480 दिन पूरे कर लिए थे, इसलिए तमिलनाडु औद्योगिक प्रतिष्ठान (कर्मचारियों को स्थायी दर्जा प्रदान करना) अधिनियम, 1981 की धारा 3 के तहत वे स्थाई कर्मचारी हैं। उन्होंने तर्क दिया, ’’एक बार जब उन्हें स्थायी कर्मचारी मान लिया गया है, तो अनुबंधित श्रमिकों के रूप में बाद की नियुक्ति, उनकी स्थिति को नहीं बदलती है, क्योंकि प्रबंधन इसे बदलने का हकदार नहीं है।’’

पेश साक्ष्य से संतुष्ट

जस्टिस भरत चक्रवर्ती ने कहा कि श्रमिकों ने यह साबित करने वाले दस्तावेज पेश किए हैं कि उन्होंने दो साल के भीतर 480 दिन की सेवा पूरी कर ली थी। उन्होंने कहा कि प्रबंधन इस दावे का खंडन करने के लिए कोई रजिस्टर या सबूत पेश करने में विफल रहा है। न्यायाधीश ने आदेश में कहा, ’’इस संदर्भ में, मैं यह निष्कर्ष निकालता हूं कि कामगारों ने सफलतापूर्वक साबित कर दिया है कि उन्होंने दो कैलेंडर साल की अवधि के भीतर 480 दिनों की सेवा पूरी कर ली है और इस तरह, वे 480 दिन पूरे करने पर स्थाई दर्जा पाने के हकदार हैं।’’

प्रबंधन को बारह सप्ताह का समय

न्यायाधीश ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे कर्मचारियों को स्थाई दर्जा दें और उनकी सेवा की गणना उस तारीख से करें जब उन्होंने 480 दिन पूरे कर लिए थे। हालांकि कर्मचारी पिछले वेतन के हकदार नहीं होंगे। प्रबंधन को 12 सप्ताह के भीतर प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया गया। किसी भी मृतक कर्मचारी के मामले में, उन्हें नियमित सेवा में रहते हुए मृत माना जाएगा, और उनके कानूनी उत्तराधिकारी उचित मृत्यु या टर्मिनल लाभ के हकदार होंगे। प्रासंगिक अवधि के दौरान सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति लाभ मिलेगा।

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