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International Women’s Day: एक Alopecia Survivor जिन्होंने लिखी सुंदरता की नई कहानी, जानिए Ketaki Jani को क्यों कहा जाता है आग की बेटी

Ketki Jani Success Story: समाज की कुरीतियों का सामना कर केतकी जानी (Ketki Jani) जिन्होंने सभी के लिए संघर्ष, साहस और आत्मविश्वास की मिसाल पेश की है। जानिए सफलता और सहस की कहानी।

भारतMar 07, 2025 / 05:54 pm

Devika Chatraj

Women’s Day Special: केतकी जानी (Ketki Jani) एलोपेसिया की पहली ऐसी मरीज हैं जो सफल मॉडल भी बनीं। उनका जीवन एलोपेसिया एरीटा यानी गंजेपन से जूझते हुए बेहद मानसिक और सामाजिक संघर्षों से भरा रहा है। स्त्रियों के बाल सिर से पूरी तरह से ​सिर से गायब हो जाएं, इसकी कल्पना मात्र से ही कोई भी ​कांप उठ सकता है। ऐसा ही केतकी के साथ हुआ। इसके बाद उन्हें समाज की कठोर आलोचनाओं और आत्मविश्वास को ठेस पहुंचाने वाली बातों से कई वर्षों तक दो-चार होना पड़ा। उनके लिए शुरुआती दिनों में इस बीमारी को स्वीकार कर पाना बेहद मुश्किल कार्य था। कई बार आत्महत्या तक के ख्याल आए लेकिन बच्चों के भविष्य की चिंता ने उन्हें ऐसा करने से रोक लिया। केतकी जानी ने गंजेपन से उपजी पीड़ा के दर्द से बाहर आने के लिए करीब पांच वर्ष तक संघर्ष किया। यही वजह है कि आज दुनिया में संघर्ष, साहस और आत्मविश्वास की मिसाल के बतौर पेश की जाती हैं। केतकी के जीवन संघर्षों पर वरिष्ठ पत्रकार प्रफ्फुल शाह ने एक उपन्यास अग्निजा यानी आग की बेटी लिखा है। यह उपन्यास गुजराती भाषा में छप चुकी है और हिंदी में भी शीघ्र ही प्रकाशित होने वाली है। केतकी कई सौंदर्य प्रतियोगिताएं भी जीत चुकी हैं। आइए अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर उन्हीं से उनके संघर्षों की कहानी जानते हैं।
Ktaki Jani
केतकी को वर्ष 2010 में Alopecia यानी बाल झड़ने की बीमारी हो गई। वह इस बीमारी से करीब पांच साल तक जूझती रहीं। इनका आत्मविश्वास भी कई बार डिगा और कई बार आत्महत्या का ख्याल भी मन में आया लेकिन वह इस मानसिक भंवर में गोते लगाने और डूबने की बजाय संघर्ष करके बाहर निकल आईं। आज वह एक मजबूत महिला के बतौर पहचान बना चुकी हैं। इन पांच वर्षों में उन्हें असंख्य मानसिक और शारीरिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। केतकी जानी ने अपने आत्मबल और प्रेरणादायक संघर्ष से यह साबित कर दिया कि सच्ची पहचान मन की सुंदरता की होती है न कि बाहरी रूप-रंग में। उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि समस्याएं जीवन का हिस्सा हैं लेकिन इन्हें जीतने का तरीका हमें खुद ही तय करना होता है।

Alopecia Areata के साथ जूझते हुए आपके जीवन में सबसे कठिन पल कौन सा था?

केतकी ने अपने संघर्षपूर्ण सफर के बारे में साझा करते हुए बताया कि इस दौरान उनके अपने ही रिश्तेदारों ने उन्हें कई कड़ी बातें कहीं। उन्होंने उनके साहस और आत्मविश्वास को नकारा करते हुए, यह तक कह दिया कि जो मान-सम्मान उन्हें मिल रहा था, वह झूठा और खरीदा हुआ था। इन शब्दों से आहत होने के बावजूद, केतकी ने हार नहीं मानी और अपनी मेहनत, संघर्ष और आत्मविश्वास से उन सभी झूठी बातें और आलोचनाओं को दरकिनार कर दिया। और दृढ़ निश्चय और संघर्ष ही उनकी असली पहचान बन गई।
क्या Alopecia के चलते आपने कभी समाज या किसी खास व्यक्ति से नकारात्मक प्रतिक्रियाएं पाई हैं?

केतकी के मुश्किल वक्त में, जब वह अपनी बीमारी से जूझ रही थीं, उन्हें अपनों से ही नकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिलीं। उनके रिश्तेदारों ने उन्हें आलोचनाओं का शिकार बनाया, जिससे उनका आत्मविश्वास टूटने के बजाय और भी मजबूत हुआ। केतकी ने इन सारी बातों को खुद पर हावी नहीं होने दिया और अपने संघर्ष को जारी रखा।
क्या इस अनुभव ने आपके दृष्टिकोण को बदला है?

उनके लिए अपनी नई सच्चाई को स्वीकार करना आसान नहीं था। शुरुआत में उन्हें इस हकीकत को अपनाने में काफी समय लगा। वह कई दिनों तक अपने आप को शीशे में देखने से कतराती थीं। मन में हो रही उथल-पुथल के चलते उन्होंने आत्महत्या तक करने की कोशिश की। लेकिन उस समय में भी उनके सामने एक सवाल आ खड़ा हुआ-“अगर वह यह कठोर कदम उठा लेंगी, तो उनके दोनों बच्चों का क्या होगा”? यह विचार उनके लिए एक झटके की तरह था। उसी पल उन्हें एहसास हुआ कि वह जो कर रही थीं, वह गलत था। अपने बच्चों की मासूम मुस्कानों और उनकी निर्भरता ने उन्हें रोक लिया। उस दिन के बाद उन्होंने ठान लिया कि वह इस बीमारी का डटकर सामना करेंगी। यह आसान नहीं था। लेकिन, अपने बच्चों के भविष्य और खुद की जिंदगी के लिए, वह इस लड़ाई को जीतने के लिए तैयार थीं।
क्या कोई विशेष व्यक्ति या घटना थी जिसने आपको इस संघर्ष को जीतने में मदद की हो?

केतकी जानी ने इस सफर के बारे में बताते हुए कहा कि इस यात्रा में उनके साथ उनके दोनों बच्चे, भैया-भाभी, उनकी पुस्तक के लेखक और उनके पालतू कुत्ते थे। उनके पालतू कुत्तों का साथ भी इस यात्रा को और अधिक सुखद और आनंददायक बनाता था। यह पूरा सफर उनके लिए एक परिवारिक और प्रेरणादायक अनुभव रहा।
आपके लिए आत्मविश्वास बनाए रखने का क्या सबसे प्रभावी तरीका है?

उनके इस सफर में सबसे अहम मोड़ वह था जब उन्होंने खुद के लिए अपने प्यार को महसूस किया और एक टैटू बनवाया। यह टैटू बनवाना उनके लिए काफी दर्दनाक था लेकिन इससे उन्हें आत्मविश्वास मिला।
Ketki jani Tattoo
समाज को आपसे क्या संदेश देना चाहेंगी, खासकर उन लोगों को जो शारीरिक रूप से किसी बीमारी या समस्या से जूझ रहे हैं?

“किसी भी बीमारी या समस्या से जूझ रहे लोगों को प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा, ‘आपकी असली सुंदरता आपकी अंदरूनी शक्ति में होती है। हमेशा अपने आप पर विश्वास रखें और जीवन की चुनौतियों का सामना करते हुए आगे बढ़ते जाएं।”
कौन है केतकी जानी?

केतकी जानी एक प्रेरणादायक महिला हैं, जिनकी कहानी संघर्ष, साहस और आत्मविश्वास की प्रतीक है। उन्हें 2010 में Alopecia नामक बीमारी हुई, जिससे उनके बाल पूरी तरह से झड़ गए। Alopecia एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम अपने ही बालों पर हमला करता है, और इसके कारण बालों का झड़ना शुरू हो जाता है। बालों का झड़ना उनके लिए एक बड़ा मानसिक और शारीरिक चुनौती था, लेकिन उन्होंने इसे अपनी पहचान बनने से रोकने के बजाय अपने आत्मविश्वास को मजबूत किया।

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