मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण योजना (Mukhyamantri Ladki Bahin Yojana) के तहत प्रत्येक लाभार्थी महिला को हर महीने 1500 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। लेकिन अब योजना की लाभार्थी महिलाओं की स्क्रूटिनी की जा रही है।
यह योजना चुनाव से ठीक पहले शुरू की गई थी। इस योजना के लिए आवेदकों के लिए कुछ नियम और शर्तें भी लागू की गईं थी। हालाँकि, जो महिलाएं उस समय इन नियमों और शर्तों पर फिट नहीं बैठती थीं, उन्हें भी इस योजना का लाभ मिल रहा था। लेकिन सरकार ने स्पष्ट कर दिया गया है कि जो महिलाएं योजना के मानदंडों पर खरी नहीं उतरेंगी उन्हें आगे की किस्त नहीं मिलेगी। इस बीच, कई लाभार्थी महिलायों ने खुद ही अपना आवेदन वापस ले लिया है।
जिन महिला लाभार्थियों की शिकायतें मिलेंगी, वहां सर्वे किया जाएगा और नियमों पर खरी न उतरने वाली महिलाओं के आवेदन रद्द कर दिए जाएंगे। इससे यह साफ हो गया है कि आने वाले समय में लाडली बहना योजना के लाभार्थियों की संख्या में और कमी आएगी।
रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र सरकार ने लाडली बहना योजना (लाडकी बहीण योजना) के सर्वे की जिम्मेदारी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सौंपी थी, लेकिन नागपुर में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने इस सर्वे को करने से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि सरकार ने लाडली बहनों का आवेदन भरने के लिए जो 50 रुपये (प्रति आवेदन पर) का प्रोत्साहन भत्ता देने का वादा किया था, वह अब तक नहीं दिया गया है। बिना वह भत्ता मिले काम करने से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने साफ इनकार कर दिया है। इन्ही कारणों से कई जगहों पर लाडली बहन योजना का सर्वे का काम ठप पड़ गया है। इस वजह से अपात्रता तय करने में और अधिक समय लग सकता है।
सूत्रों के मुताबिक, सर्वे के बाद जो महिलाएं योजना के अपात्र हो जाएंगी, उनका नाम मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना से हटा दिया जाएगा। हालांकि, सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अब तक जिन महिलाओं को इस योजना के तहत पैसा मिला है, उनसे वह पैसा वापस नहीं लिया जाएगा।
बता दें कि जनवरी में 2.41 करोड़ लाडली बहनों को योजना के पैसे भेजे गए थे। हालांकि अभी तक फरवरी महीने की किस्त नहीं आई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, जनवरी में 5 लाख लाभार्थी महिलाओं को स्क्रूटिनी के बाद अपात्र घोषित किया गया था। वहीँ फरवरी में कुल 9 लाख महिलाओं के नाम माझी लाडकी बहीन योजना से कटने की खबर आ रही है।