बीमारियों का खतरा
ग्रामीणों का कहना है कि यदि प्रशासन ने समय रहते ध्यान नहीं दिया, तो तालाब के पानी से पूरे इलाके में गंभीर बीमारियां फैल सकती हैं। उनका कहना है कि तालाब की समय-समय पर सफाई और जल की गुणवत्ता जांच की जानी चाहिए। गांव के वरिष्ठ नागरिक मदन लाल चौरसिया ने बताया कि हम हर साल प्रशासन को इस बारे में शिकायत करते हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। तालाब की स्थिति दिन पर दिन खराब होती जा रही है। यही तालाब हमारा जीवन है, लेकिन अब इसकी दुर्गंध और मरी मछलियों की वजह से हम परेशान हैं। अगर जल्द कदम नहीं उठाए गए, तो यह तालाब बीमारी का घर बन जाएगा।
ग्रामीणों रे रखी यह मांग
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि तालाब की सफाई कराई जाए, जल शुद्धिकरण की व्यवस्था की जाए और मत्स्य पालन विभाग तथा प्रदूषण विभाग मिलकर इस समस्या का स्थायी हल निकालें। साथ ही यह भी कहा कि भविष्य में इस ऐतिहासिक तालाब की सुरक्षा और रखरखाव के लिए विशेष योजनाएं बनाई जाएं। अब देखना यह होगा कि क्या जिला प्रशासन इस गंभीर समस्या को लेकर कोई ठोस कदम उठाएगा या फिर एक बार फिर ग्रामीणों को सिर्फ आश्वासन देकर छोड़ दिया जाएगा।