जिम्मेदारों की बेरुखी
सिटी बसों का संचालन नगर निगम की जिम्मेदारी है। बावजूद इसके महापौर, नगर निगम आयुक्त और जिला कलेक्टर की तरफ से इस समस्या पर कोई गंभीर पहल अब तक नहीं की गई है। नतीजा ये है कि छात्राओं और आम यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आपको जानकर हैरानी की होगी कि जून माह से बसें बंद हैं, अबतक न तो टेंडर प्रक्रिया पूरी हो पाई और नाही बसें चल पाईं। शहरवासियों का कहना कि यदि जिम्मेदार गंभीरता दिखाते तो अबतक बसें चलने लगतीं।
गल्र्स कॉलेज में छात्राओं को हो रही असुविधा को लेकर एनएसयूआई पहले ही कॉलेज गेट पर प्रदर्शन कर चुका है। एनएसयूआई पदाधिकारियों का कहना है कि यह मामला बेटियों की शिक्षा और सुरक्षा से जुड़ा है, इसलिए प्रशासन को तत्काल सिटी बसें शुरू करानी चाहिए। यदि जल्द ठोस कदम नहीं उठाए गए तो बड़े स्तर पर आंदोलन की चेतावनी दी गई है।
छात्राओं ने कहीं यह बात
कॉलेज की छात्राएं प्रतिदिन शहर से 8 से 10 किलोमीटर दूर से ऑटो से कॉलेज जाती हैं। किराए का खर्च बहुत ज्यादा हो गया है। कॉलेज के साथ नगर निगम की बस सेवा फिर शुरू होनी चाहिए।
शिवानी मिश्रा, छात्रा।
मुस्कान निगम, छात्रा।
महिमा चक्रवर्ती, छात्रा।
अंबिका पटेल, छात्रा।
शिवानी मिश्रा, छात्रा।
कांग्रेस के कार्यवाहक शहर अध्यक्ष राजा जगवानी ने कहा कि शहर की सिटी बसें सिर्फ छात्रों के लिए ही नहीं, आम यात्रियों के लिए भी जरूरी हैं। सवाल ये है कि क्या महापौर, आयुक्त और कलेक्टर इस गंभीर समस्या की ओर ध्यान देंगे या यात्री यूं ही परेशान होते रहेंगे। यदि जल्द सिटी बसों का संचालन शुरू नहीं किया गया तो नगर निगम घेराव किया जाएगा।