सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने 8 जनवरी 2024 को लॉजिस्टिक हब स्थल का निरीक्षण किया था। उन्होंने परियोजना को शीघ्र प्रारंभ करने के निर्देश दिए थे, लेकिन निरीक्षण के 14 माह बाद भी कोई प्रगति नहीं हुई।
सिमरा में लॉजिस्टक हब बनाए जाने के लिए तीन बार टेंडर की प्रक्रिया अपनाई जा चुकी है, लेकिन एक भी कंपनी ने रुचि नहीं दिखाई। इसके लिए अब सरकार द्वारा नई पहल की जा रही है। बता दें कि कंटेनर कार्पोरेशन ऑफ इंडिया के साथ मिलकर लॉजिस्टक हब बनाने के लिए सरकार को एक साल पहले प्रस्ताव भेजा गया है, जो राजधानी में अटका हुआ है।
इसलिए जरूरी है लॉजिस्टिक हब
कटनी का देश के भौगोलिक केंद्र में स्थित होना इसे एक आदर्श लॉजिस्टिक हब बनाता है। कटनी पश्चिम मध्य रेलवे का सबसे बड़ा जंक्शन है। यहां से बीना, जबलपुर, सतना, बिलासपुर और सिंगरौली के माध्यम से देशभर में पांच दिशाओं में रेल कनेक्टिविटी है। सिंगरौली के रास्ते रेनुकूट, मुगलसराय, हावड़ा और कोलकाता तक भी सीधी कनेक्टिविटी है। कटनी में देश का दूसरा सबसे बड़ा डीजल शेड है। खनिज संपदा से भरपूर इस क्षेत्र में लॉजिस्टिक हब खुलने से निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
लॉजिस्टिक हब ऐसा केंद्र होता है, जहां बड़े स्तर पर माल के परिवहन, भंडारण, डिस्ट्रीब्यूशन और प्रबंधन की सुविधा होती है। यह एक ऐसा केंद्र बिंदु होता है, जहां अलग-अलग राज्यों, शहरों और देशों से माल आता है और वहां से वितरण के लिए भेजा जाता है।
लाजिस्टिक हब जैसी परियोजनाएं केवल कागजों में सीमित रह जाएं, तो जिले की आर्थिक तरक्की रुक जाती है। 2016 में शुरू की गई यह योजना यदि समय रहते पूरी होती तो आज कटनी लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में देश का बड़ा नाम बन चुका होता। अफसरों की अनदेखी और राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के चलते यह प्रोजेक्ट भी अधर में है। लॉजिस्टिक हब का सपना भी अन्य अधूरी परियोजनाओं की तरह धूल फांकता नजर आ रहा है।
लॉजिस्टिक हब बनने के फायदे
रोजगार के अवसर: हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलता है।
स्थानीय विकास: क्षेत्र में सडक़, बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं का तेजी से विकास होता है।
सस्ता सामान: ट्रांसपोर्टेशन लागत कम होने से उपभोक्ताओं को वस्तुएं सस्ती दर पर मिलती हैं।
व्यापार में वृद्धि: बेहतर कनेक्टिविटी के चलते कारोबारी अपने माल को देश-विदेश तक आसानी से पहुंचा सकते हैं।
माल की सुरक्षित और त्वरित आपूर्ति: माल का समय पर और सुरक्षित डिलीवरी संभव होती है।
कम लॉजिस्टिक खर्च: बड़े स्तर पर माल का भंडारण और ट्रांसपोर्टेशन होने से लॉजिस्टिक लागत घटती है।
राजस्व में वृद्धि: कारोबार और व्यापार के बढऩे से टैक्स और अन्य राजस्व प्राप्तियों में बढ़ोतरी होती है।
औद्योगिक विकास: क्षेत्र का औद्योगिक और आर्थिक विकास होता है, जिससे क्षेत्र समृद्ध होता है।
सामाजिक समृद्धि: क्षेत्र में नई परियोजनाओं और उद्योगों के आने से शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक विकास को बल मिलता है।
सेमरा में लॉजिस्टिक हब निर्माण के लिए पहल जारी है। यहां पर 3 हजार करोड़ रुपए से अधिक का काम होना है। बड़ा प्रोजेक्ट है। स्वीकृति के लिए फाइल दिल्ली गई हुई है। विभागीय अधिकारियों से लगातार चर्चा की जा रही है। शीघ्र ही इस योजना को निष्कर्ष पर पहुंचाया जाएगा।
प्रणय पांडेय, विधायक बहोरीबंद।