घर में पाला था जर्मन शेफर्ड
दरअसल, विकास नगर के बीमा चौराहे के पास 91 साल की वृद्ध मोहिनी त्रिवेदी अपनी बहू किरण और पोते धीर प्रशांत त्रिवेदी के साथ रहती थीं। पोते ने घर में जर्मन शेफर्ड पाल रखा था। कुत्ते ने जिस दिन मालकिन पर हमला किया था, उस दिन पोता और बहू फ्रैक्चर होने की वजह से वृद्धा को बचा नहीं सके।
पालतू कुत्ते ने शरीर के कई हिस्सों को नोचा
दरअसल, घटना के एक हफ्ते पहले ही बहू और पोते दोनों के पैर और कूल्हे में फ्रैक्चर हो गया था। इस वजह से 14 मार्च की शाम को दोनों मां-बेटे अपने कमरे में लेटे हुए थे। इसी बीच, वृद्धा किसी काम से आंगन की तरफ आईं और कुत्ते ने तब उन पर भौंकना शुरू कर दिया। इस पर, वृद्धा ने उसको डंडे से मार दिया और कुत्ता खुंखार हो गया। कुत्ते ने उन पर हमला बोल दिया और चेहरे, गर्दन, पेट व शरीर के कई हिस्सों को नोच डाला। बहू और पोते ने जब कुत्ते को देखा तो वह चिल्लाने लगे, जिस पर आसपास मौजूद पड़ोसी आए और पुलिस को घटना की सूचना दी। सूचना मिलने पर पुलिस और नगर निगम की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस की मौजूदगी में नगर निगम की टीम ने कुत्ते को कब्जे में लिया। वहीं, पुलिस वृद्धा को हैलट अस्पताल लेकर गई, जहां उनकी मौत हो गई।
कुत्ते की मांगी कस्टडी
सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची नगर निगम की टीम ने खूंखार जर्मन शेफर्ड को अपने कब्जे में लेकर रेस्क्यू सेंटर भेज दिया था। सूत्रों की माने तो इतनी बड़ी घटना के बावजूद भी धीर ने नगर निगम अधिकारियों से अपने पालतू कुत्ते की कस्टडी मांगी है। हालांकि, कुत्ता अभी भी रेस्क्यू सेंटर में है। पड़ोसियों ने बताया कि बुजुर्ग को 12 हजार पेंशन मिलती थी जिससे घर खर्च चलता था।