शिकायत के अनुसार, वर्ष 2020 में कोविड काल के दौरान होटल व्यवसाय ठप हो जाने के कारण रोहित को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा। इस पर उसने बैंक से पर्सनल लोन लेने के लिए आवेदन किया। उन्होंने शाखा प्रबंधक बाबूलाल मीणा को पैन कार्ड, आधार कार्ड और अन्य जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराए तथा बताया कि वे एक छोटे से ढाबे और होटल के लिए कुकिंग का काम करता है। वह सिर्फ दसवीं पास है और ज्यादा पढ़ा लिख नहीं हैं।
बाबूलाल मीणा ने बताया कि अभी विशेष लोन स्कीम चल रही है। उसके तहत 10 लाख रुपए तक का लोन स्वीकृत करवाने का झांसा दिया। उन्होंने कहा कि छह माह बाद इस योजना के अंतर्गत 8 लाख रुपए तक का ऋण माफ भी हो जाएगा। इस प्रक्रिया में अन्य आरोपी गुरप्रीत, दीपक, आकाश, गौरव, कपिल और प्रभजोत भी शामिल थे। आरोप है कि बाबूलाल मीणा ने जो भी लोन की राशि स्वीकृत करवाई, वह राशि पीड़ित को न देकर खुद रख ली। पीड़ित से करीब साठ से सत्तर दस्तावेजों पर हस्ताक्षर भी करवा लिए गए और एक विड्रॉल स्लिप पर साइन करवा कर खाते से पैसा निकाल लिया गया।
शिकायत के आधार पर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के अनुसार केस दर्ज कर लिया है। वर्तमान में पुलिस ने सभी सात आरोपियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है और बैंक शाखा से संबंधित दस्तावेज भी जब्त किए हैं। पुलिस का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी आरोपियों की भूमिका की गहराई से जांच की जा रही है।