इस बयान के बाद सोमवार को लखनऊ में अखिलेश यादव एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। इसी बीच पत्रकारों ने उनसे दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता की इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया मांगी। पत्रकारों के सवाल सुनने के बाद अखिलेश यादव ने पहले तो बेहद संयमित अंदाज में कहा “अगर हम लोग उनकी टिप्पणियां सुनें तो शायद अच्छा लगेगा।” इसके बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में रेखा गुप्ता की वह वीडियो क्लिप चलवा दी। जिसमें उन्होंने अखिलेश यादव, अरविंद केजरीवाल और राहुल गांधी समेत अन्य नेताओं पर टिप्पणियां की थीं।
सीएम रेखा गुप्ता ने अखिलेश यादव समेत इनपर की टिप्पणी
वीडियो में रेखा गुप्ता ने कई नेताओं का नाम लेकर उन पर व्यक्तिगत टिप्पणियां कीं। कार्यक्रम में एंकर ने एक खेल के तहत रेखा से कहा कि कुछ नेताओं के नाम लिए जाएंगे और उन्हें उन पर सबसे पहला विचार या शब्द बताना होगा। सबसे पहले नाम लिया गया दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का। इस पर रेखा ने उन्हें ‘झूठा’ करार दिया। इसके बाद उन्होंने मंत्री आतिशी के खिलाफ भी अशोभनीय भाषा का प्रयोग किया। वहीं, अमित शाह को ‘गजब’ बताया और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत को ‘आदरणीय’ कहा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि “वो लीडर हैं ही नहीं।” इन टिप्पणियों के जवाब में अखिलेश यादव ने गंभीर सवाल उठाया कि आखिरकार इस तरह की भाषा का आत्मविश्वास इन नेताओं को कहां से मिल रहा है? उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में आलोचना की स्वतंत्रता हो सकती है, लेकिन सार्वजनिक पदों पर बैठे लोगों से संयमित भाषा की अपेक्षा की जाती है। उनके मुताबिक, ऐसी भाषा सिर्फ राजनीतिक मर्यादाओं का हनन नहीं बल्कि लोकतंत्र के सम्मान के खिलाफ भी है।
बसपा के कार्यकर्ताओं ने समाजवादी पार्टी का थामा दामन
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के मौके पर एक और बड़ी राजनीतिक हलचल देखने को मिली। बहुजन समाज पार्टी के पूर्व मंत्री दद्दू प्रसाद ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ले ली। अखिलेश यादव ने उनका स्वागत करते हुए कहा कि “यह लड़ाई संविधान बचाने और पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) वर्ग की आवाज उठाने की है। दद्दू प्रसाद जैसे नेताओं का साथ मिलना हमारी विचारधारा को और मजबूती देगा।”
अखिलेश ने अपने संबोधन में कई समसामयिक मुद्दों पर बात रखी। उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है जब जनता को समझना होगा कि कौन सा नेता समाज के लिए काम कर रहा है और कौन सिर्फ टीवी चैनलों पर बयानबाजी में व्यस्त है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की प्राथमिकता सामाजिक न्याय, शिक्षा, स्वास्थ्य और बेरोजगारी जैसे मूल मुद्दे हैं।