Rajasthan Assembly: राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत अपने ही जवाबों में उलझते नजर आए। कांग्रेस विधायक रोहित बोहरा ने धौलपुर जिले की कालीतीर योजना को लेकर सवाल किया था, लेकिन मंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर उन्होंने सदन में नाराजगी जाहिर की।
धौलपुर के राजाखेड़ा से कांग्रेस विधायक रोहित बोहरा ने कालीतीर योजना के क्रियान्वयन को लेकर सवाल किया। इस पर जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत ने बताया कि 197.94 करोड़ रुपये की लागत से इस योजना का काम जारी है। 950 करोड़ रुपये का बजट इस परियोजना के लिए निर्धारित किया गया था।
मंत्री के जवाब से असंतुष्ट रोहित बोहरा
इस दौरान मंत्री के जवाब पर रोहित बोहरा ने सवाल उठाते हुए कहा कि वन विभाग से मंजूरी ही नहीं मिली, तो 197.94 करोड़ रुपये के काम कैसे हो गए? उन्होंने यह भी दावा किया कि मंत्रीजी जो आंकड़े दे रहे हैं, वे गलत हैं। अब तक केवल 94 करोड़ रुपये के काम हुए हैं। जब विभाग ने केवल 4.35 करोड़ और 1.25 करोड़ रुपये का ही प्रावधान किया था, तो फिर 950 करोड़ रुपये का आंकड़ा कहां से आया?
मंत्री और विधायक के बीच गहमागहमी
रोहित बोहरा ने पूरक सवाल करते हुए कहा कि बजट में 950 करोड़ रुपये की घोषणा हुई, लेकिन वास्तविक बजट कितना दिया गया? अगर वन विभाग से मंजूरी नहीं मिली थी, तो बिना स्वीकृति के काम कैसे हुआ? इसके जवाब में मंत्री सुरेश रावत ने कहा कि 950 करोड़ रुपये के बजट में से धौलपुर लिफ्ट पर 534 करोड़ रुपये और कालीतीर प्रोजेक्ट पर 442 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
लेकिन रोहित बोहरा मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्री गलत जवाब दे रहे हैं और सदन को गुमराह कर रहे हैं। परियोजना को वन और पर्यावरण मंजूरी के बिना आगे बढ़ाना गलत था।
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स्पीकर पर मंत्री को बचाने का आरोप
वहीं, विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने जब रोहित बोहरा के दो पूरक सवाल पूरे होने का हवाला देते हुए अगले विधायक का नाम पुकारा, तो कांग्रेस विधायक स्पीकर पर भड़क गए। स्पीकर महोदय, आप मंत्री को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। मंत्री सदन को गुमराह कर रहे हैं, लेकिन आप उन्हें रोकने की बजाय बचाव कर रहे हैं। फर विधानसभा में इस मुद्दे को लेकर विपक्षी विधायकों ने हंगामा किया, लेकिन स्पीकर ने अगला सवाल पुकारते हुए इस बहस को खत्म कर दिया।