महिला ने इस संबंध में 8 जून 2023 को एफआइआर दर्ज करवाई, लेकिन पुलिस ने प्रकरण में 2 सितम्बर 2024 को एफआर लगा दी। प्रोफेसर महिला 8 जनवरी 2025 को डीसीपी (वेस्ट) अमित कुमार से मिली और सम्पूर्ण तथ्य व दस्तावेज पेश कर निष्पक्ष जांच करवाने की गुहार लगाई। डीसीपी ने केस को रिओपन कर जांच महिला अनुसंधान सैल की एडिशनल डीसीपी सुलेश चौधरी को सौंपी।
अनुसंधान अधिकारी ने जांच में आरोप सिद्ध पाए और अब पुलिस इंडियन टेलीकम्यूनिकेशन सर्विस बीएसएनएल में प्रिंसीपल जनरल मैनेजर के पद से रिटायर्ड पति गुंजन सक्सेना और बेटे ध्रुव को तलाश रही है। फरार हुए पिता-पुत्र ने कोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी लगाई, जो खारिज हो गई।
खुद के पैसों से खरीदा था प्लाट
डॉ. रीना ने बताया कि 1988 में शादी हुई थी और वर्ष 1996 में वैशाली नगर में अपने पैसों से प्लॉट खरीदा, जिस पर ऋण लेकर मकान बनवाया। वर्ष 2021 में तलाक के बाद वह पुणे चली गईं। वर्ष 2023 में बेटे ध्रुव के जन्मदिन पर जयपुर आई, तब पता चला कि पिता-पुत्र ने एक बिल्डर से एग्रीमेंट कर उनके मकान पर होटल का निर्माण करवा रहे हैं। विरोध करने पर पिता-पुत्र ने मनोरोगी घोषित करने के लिए एम्बुलेंस बुलाकर कालवाड़ रोड स्थित भगवान महावीर मनोचिकित्सा एवं नशा मुक्ति केन्द्र में जबरन भर्ती करवा दिया। नशा मुक्ति केन्द्र में भेजने के दौरान डॉ. रीना का मोबाइल छिन लिया था, लेकिन पीड़िता ने दूसरे मोबाइल से पूरे घटनाक्रम का वीडियो बना लिया था।
केंद्र ने बताया, प्रोफेसर स्वस्थ
अनुसंधान अधिकारी ने नशा मुक्ति केन्द्र से महिला प्रोफेसर को भर्ती और इलाज के संबंध में जानकारी मांगी। तब महिला प्रोफेसर पूरी तरह से स्वस्थ होना और किसी भी प्रकार का इलाज नहीं करने की जानकारी मिली। पीड़िता द्वारा बनाई गई वीडियो रिकॉर्डिंग की पुष्टि भी जांच के दौरान की गई। इसके अलावा, वैशाली नगर स्थित प्लॉट के दस्तावेजों की गहन जांच कर बिल्डर के साथ हुए एग्रीमेंट की भी पुष्टि की गई।