CG News: लक्ष्य पूरा होने में संदेह
ऐसे में माना जा रहा है कि इस साल तय लक्ष्य से
तेंदूपत्ता की खरीदी कम हो सकती है जिससे वन विभाग को मिला लक्ष्य पूरा होने में संदेह है। वन विभाग के अनुसार अभी बस्तर में तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य 25 अप्रैल से शुरू होने वाला है लेकिन बेमौसम बारिश का सिलसिला जारी रहा तो इसके संग्रहण और खरीदी प्रभावित होने वाली है। गौरतलब है कि इस वर्ष बस्तर को 2 लाख 70 हजार 600 मानक बोरा तेंदूपत्ता खरीदी का लक्ष्य मिला है।
तेंदूपत्ता की क्वालिटी पर असर
तेंदूपत्ता निकलने के दौरान पत्ता कोमल होता है जिस पर पानी गिरने के बाद दाने के रूप में गांठ बनने की आशंका बढ़ जाती है। इसके साथ ही कई जगह पत्तों में छेद होने का खतरा बना रहता है ऐसे में सभी पत्ते उपयोग के लिए तोड़े नहीं जा सकते हैं। शुरूआती गर्मी में पत्ते अच्छे निकल रहे थे लेकिन बेमौसम बारिश ने ग्रामीणों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। यदि मौसम ऐसा ही चलता रहा तो तेंदूपत्ता की गुणवत्ता के साथ-साथ संग्रहण लक्ष्य प्राप्त करने में भी विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। 25 अप्रैल से शुरू होगा संग्रहण कार्य
वन विभाग के मुख्य वन संरक्षक आरसी दुग्गा ने बताया कि बस्तर वन वृत्त के 4 मंडलों में तेंदूपत्ता की खरीदी आगामी 25 अप्रैल से शुरू होगी। बस्तर वृत्त में सुकमा और बीजापुर जिले में सबसे अधिक तेंदूपत्ता संग्रहण होता है। लगातार हो रही बारिश की वजह से तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य में दूरी होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
अगर इसी तरह लगातार बारिश और ओले गिरने का सिलसिला जारी रहा तो क्वालिटी और क्वांटिटी में फर्क आ सकता है। पूरे 20 साल बाद इस वर्ष राज्य सरकार तेंदूपत्ता की खरीदी करने वाली है। बस्तर वन वृत्त के अंतर्गत 2 लाख 70 हजार 600 मानक बोरा तेंदूपत्ता की खरीदी का लक्ष्य मिला है। इसके लिए वन विभाग 75 समिति और 1710 फड़ तैयार कर चुका है। बार-बार मौसम खराब होने की वजह से तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य का संचालन पर असर पड़ेगा।
आरसी दुग्गा, मुख्य वन संरक्षक बस्तर: इससे तेंदूपत्ता संग्राहकों के साथ वन विभाग को भी नुकसान होने की आशंका है। तेंदूपत्ता संग्रहण की तैयारी पूरी जा चुकी है। बारिश से अभी तक
तेंदुपत्ता संग्रहण में कोई खास प्रभाव की संभावना नहीं है। ओलावृष्टि होने पर ही संग्रहण और क्वालिटी पर असर पड़ सकता है।
CG News: संग्राहकों में मायूसी: बस्तर में तेंदूपत्ता आदिवासियों के आमदनी का सबसे बड़ा जरिया है। इससे यहां के ग्रामीण संग्राहकों को हर साल लाखों रुपए की आय होती है। सिर्फ 1 से 2 महीनों में ही तेंदूपत्ता संग्राहक हजारों रुपए की कमाई कर लेते हैं। ऐसे में यहां के संग्राहकों को तेंदूपत्ता से बड़ी उम्मीदें हैं लेकिन बस्तर में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बेमौसम बारिश की वजह से तेंदूपत्ता खराब हो रहा हैं। बारिश से तेंदूपत्ता की क्वालिटी भी खराब होगी सो अलग।