World Health Day 2025 : मां और शिशु की सेहत: स्वस्थ समाज की नींव
माताओं और नवजात शिशुओं का स्वास्थ्य केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि पूरे समाज की समृद्धि का आधार है। एक स्वस्थ माँ ही एक स्वस्थ पीढ़ी को जन्म देती है, और एक स्वस्थ शिशु ही भविष्य की आशा बनता है।हर 7 सेकंड में 1 रोकी जा सकने वाली मौत
दुख की बात है कि आज भी लगभग 3 लाख महिलाएँ हर साल गर्भावस्था या प्रसव के कारण जान गंवाती हैं, और 2 करोड़ से अधिक नवजात या मृत शिशु जन्म से संबंधित आँकड़े दर्ज होते हैं।2030 के लक्ष्य से दूर हैं हम
मौजूदा रफ्तार से यदि प्रयास जारी रहे, तो 80% देश 2030 तक मातृ मृत्यु दर में सुधार के लक्ष्य से चूक जाएंगे, और हर तीसरा देश नवजात मृत्यु दर घटाने के लक्ष्य से भी पीछे रह जाएगा।केवल इलाज नहीं, सम्मानपूर्ण देखभाल जरूरी
गर्भावस्था और प्रसव के दौरान केवल शारीरिक नहीं, भावनात्मक और मानसिक देखभाल भी उतनी ही ज़रूरी है। हर महिला को यह हक है कि उसे सुरक्षित, समझदारी भरी और गरिमामयी स्वास्थ्य सेवाएं मिलें।महिलाओं की सुनें, परिवारों का साथ दें
स्वास्थ्य प्रणालियों को केवल आपातकालीन देखभाल तक सीमित नहीं रहना चाहिए। मानसिक स्वास्थ्य, गर्भनिरोधक सेवाएँ, गर्भावस्था से पहले की तैयारी और प्रसव के बाद की देखभाल भी ज़रूरी है। साथ ही, कानूनी और सामाजिक समर्थन भी मातृत्व को सुरक्षित बनाता है।अभियान के उद्देश्य
जागरूकता बढ़ाना: मातृ और नवजात मृत्यु दर के अंतर को उजागर करना।नीतिगत निवेश की वकालत करना: महिला और शिशु स्वास्थ्य के लिए संसाधनों में बढ़ोतरी की माँग।
सामूहिक प्रयास को बढ़ावा देना: माता-पिता और स्वास्थ्य कर्मियों को सशक्त बनाना।
स्वास्थ्य जानकारी देना: गर्भावस्था, प्रसव और प्रसवोत्तर स्वास्थ्य से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ साझा करना।
हम कैसे जुड़ सकते हैं इस मुहिम से?
प्रचार करें: सोशल मीडिया पर #HopefulFutures और #HealthForAll के साथ संदेश साझा करें।कार्यक्रमों में भाग लें: वैश्विक वेबिनार और सेमिनार में शामिल होकर जानकारी बढ़ाएँ।
दान करें: WHO Foundation के माध्यम से इस कार्य में आर्थिक सहायता दें।
अनुभव साझा करें: अपनी या अपने प्रियजनों की गर्भावस्था और जन्म से जुड़ी कहानियाँ साझा करें।
अंत में एक संदेश
माँ और शिशु की सेहत केवल एक व्यक्ति की जिम्मेदारी नहीं, यह पूरे समाज की साझा जवाबदारी है।स्वस्थ आरंभ, न केवल एक ज़िंदगी को बेहतर बनाता है, बल्कि पूरे समाज के भविष्य को आशावान बनाता है।