ग्वालियर शहर में दिन में गर्मी कम, रात में चढ़ा पारा
मार्च के महीने में मौसम (Mausam) में बदलाव देखने को मिल रहा है। पिछले कई दिनों से गर्मी का असर दिन और रात में बढ़ रहा था, लेकिन अब दिन का तापमान कम और रात का धीरे- धीरे बढऩे लगा है। रविवार को दिनभर धूप के बाद शाम को बादल छा गए।
चक्रवात का असर
मौसम वैज्ञानिक एके शुक्ला ने बताया कि उत्तरीय पाकिस्तान और उसके लगे जम्मू के आसपास हवा के ऊपरी भाग में च्रकवाती हवाओं का घेरा बना हुआ है। वहीं हरियाणा और उसके आसपास के साथ उत्तरीय पश्चिमी मध्य प्रदेश और उसके आसपास हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बना है। जिससे मौसम में बदलाव के साथ मध्य प्रदेश के कई भागों में हल्की बूंदाबांदी की संभावना है। रविवार को अधिकतम तापमान 33.8 और न्यूनतम 20.4 डिग्री दर्ज किया गया ।
ऐसे बढ़ रहा है तापमान
- 12 मार्च-36.6—-17.6
- 13मार्च -34.6—-18.9
- 14 मार्च- 35.6— 18.5
- 15 मार्च-35.7—19.6
- 16 मार्च-33.8— 20.4
पश्चिमी विक्षोभ भी एक्टिव
मौसम विभाग के मुताबिक वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पाकिस्तान और उससे लगे जम्मू पर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में बना हुआ है। हवा के साथ नमी आने के कारण बादल बने हुए हैं। छत्तीसगढ़ के पास एक द्रोणिका बनने के कारण बंगाल की खाड़ी से नमी मिलेगी। इसी के असर से जबलपुर, रीवा, शहडोल संभाग के जिलों में दो-तीन दिनों तक बारिश की संभावना जताई जा रही है।
चक्रवात के असर से यहां मौसम लाया तबाही
शनिवार को अचानक मौसम में परिवर्तन हुआ। तेज आंधी, बारिश के साथ मुरैना के अंबाह क्षेत्र में ओलावृष्टि ने तबाही मचा दी। अंबाह शहर समेत आसपास के पचास से अधिक गांवों में मौसम खराब होने से किसानों के खेतों में लगी गेहूं की फसल खेत में बिछ गई। सुबह जब किसान अपने खेत पहुंचे तो बर्बाद फसल को देख सदमे में आ गए। गेहूं, सरसों के अलावा सब्जी जैसे टमाटर, मैथी, धनियां में भी ज्यादा नुकसान हुआ है। वहीं तेज हवा के चलने के कारण गेहूं की फसल आड़ी पड़ गई। वहीं खेतों में काटकर सुखाने के लिए रखी सरसों की फसल गीली होने से खराब हो गई। बारिश(Rain Alert) के आने से इनके भाव आए गुणवत्ता में भी गिरावट आएगी। रछेड़ के किसान प्रद्युमन तोमर ने बताया है कि एक दिन पहले तक उनकी फसल खेत में लहलहा रही थी। गुरुवार रात मौसम की बेरुखी से हुई ओलावृष्टि (hailstorm) से खेतों में बिछ गई है। फसल में आई गेहूं की बालियां भी ओले की मार से टूट कर खेतों में ही बिखर गई है।