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ग्वालियर

कमला राजा अस्पताल में आग, 23 मरीजों की जान बची

ग्वालियर में हादसा: खिडक़ी तोडकऱ रास्ता बनाया, राहत-कोई हताहत नहीं

ग्वालियरMar 17, 2025 / 08:11 am

Sanjana Kumar

Massive Fire in KRH Gwalior

Massive Fire in KRH Gwalior due to ac blast

Massive Fire in KRH Gwalior: कमला राजा अस्पताल (केआरएच) के प्रसूति वार्ड में शनिवार और रविवार की दरमियानी रात शॉर्ट सर्किट से आग लग गई। इसमें वार्ड में भर्ती 13 समेत अन्य वार्डों के 23 मरीजों की जान पर बन आई। समय रहते प्रबंधन ने सभी को सुरक्षित निकाल लिया। पूरे अस्पताल से करीब 150 मरीजों को सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में शिफ्ट कर जान बचाई।
हालांकि धुएं से मरीज और कर्मचारियों की हालत खराब हो गई। दमकल की दो गाडिय़ों ने आग पर काबू पाया। एसडीएम विनोद सिंह ने बताया, आग लगने के दौरान प्रसूति वार्ड में 13 और अन्य वार्डों में करीब 10 मरीज थे। कुल 23 मरीज आग की चपेट में आ सकते थे। लेकिन सभी को सुरक्षित निकाला।

ऑक्सीजन सिलेंडर से तोड़ा खिडक़ी का कांच, तब निकला धुआं


एक मरीज के परिजन ने बताया, रात 1.30 से 2 बजे के बीच हम बाहर सो रहे थे। अचानक डॉक्टर और अस्पताल स्टाफ की चीख-पुकार सुनाई दी। खिडक़ी से देखा तो मरीज अंदर फंसे थे। हमने ऑक्सीजन सिलेंडर से खिडक़ी का कांच तोड़ा, ताकि धुआं बाहर निकाल सके। फिर मरीजों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।

ऊर्जा मंत्री ने सीएम व केंद्रीय मंत्री सिंधिया से कराई बात

इस घटना के बाद रविवार को ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने सुपर स्पेशलिटी पहुंचकर भर्ती मरीजों से मुलाकात कर घटना के कारणों की जानकारी ली। घटना पर चिंता जताते हुए चिकित्सालय स्टाफ की सतर्कता की सराहना की। इस मौके पर उन्होंने मोबाइल से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव तथा केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मरीजों से बात भी कराई। मुख्यमंत्री और सिंधिया ने महादेवी और संजना से बात करते हुए कहा कि आपको इलाज में किसी तरह की परेशानी तो नहीं आ रही है। इस पर दोनों महिलाओं ने कहा कि इलाज में कोई दिक्कत नहीं है।

छह घंटे के बच्चे को लेकर भागे

आईसीयू में भर्ती समाधिया कॉलोनी निवासी किरण के पति दीपक पोतदार ने बताया, कुछ समझ नहीं आया और मैं अपने छह घंटे के बच्चे व पत्नी को लेकर बाहर भागा। हर कोई आईसीयू में धुएं से जान बचाने के लिए भागने की कोशिश कर रहा था। उनकी पत्नी को शनिवार शाम 6 बजे के आसपास ऑपरेशन से बच्चा हुआ है।

नया जीवन मिला, कर्मचारियों ने मदद की

मुरार निवासी विमला बहू की देखरेख के लिए रात में बैठी थीं। उन्होंने बताया, धुएं के बाद भगवान को याद किया और लोगों की मदद से बाहर निकले। एक तरह से नया जीवन मिला है। हर कोई अपनी जान बचाने के लिए प्रयास कर रहा था। यहां तैनात कर्मचारियों ने काफी मदद की और हर मरीज को दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया।

धुएं से खांसी के साथ परेशानी हुई

आंतरी निवासी अंजलि के 12 मार्च को बच्चा हुआ। इस घटना के बाद वह बहुत डर गईं। उनके परिजन ने बताया कि धुएं से काफी देर तक खांसी के साथ अन्य परेशानी बनी रही। परिजन ने कहा, शुक्र है भगवान ने बचा लिया।

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