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17 मार्च को नया पश्चिमी विक्षोभ, फिर बदलेगा एमपी का मौसम गुरुवार को रात 11.26 से रात 12.26 बजे तक होलिका दहन(Holika Dahan 2025 shubh muhurt) के लिए श्रेष्ठ समय बताया गया है। हालांकि कई लोग भद्रा की समाप्ति से पूर्व भी होलिका दहन करेंगे। होलिका दहन के लिए बुधवार को बाजारों में गुलरिया, कंडे आदि की खरीदारी की गई। शहर के सराफा बाजार में करीब 20 हजार कंडों वाली सबसे बड़ी होली सहित करीब एक हजार स्थानों पर होलिका दहन होगा, इसके लिए इस बार एक दिन पूर्व बुधवार को ही सराफा बाजार की होलिका सजाकर तैयार कर ली गई। होलिका दहन के दहन के साथ ही होलाष्टक भी समाप्त हो जाएंगे, 7 मार्च से प्रारंभ हुए थे।
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होली उत्सव समिति सराफा बाजार की ओर से सराफा बाजार में 20 हजार कंडों से सजी 20 फीट उंची होलिका का दहन(Holika Dahan 2025) रात 10.30 बजे गुरुवार को किया जाएगा। सराफा उत्सव समिति के गोपाल अग्रवाल और कन्हैयालाल सोनी के मुताबिक होलिका दहन के लिए सड़क को नुकसाल न पहुंचे इसके लिए मिट्टी बिछाकर बेस तैयार किया गया है। होलिका दहन के साथ ही यहां रासलीला के साथ ही फूलों की होली का भी आयोजन किया गया है। जीवाजी क्लब के पूर्व सचिव डॉ.नीरज कौल ने बताया कि 13 मार्च को जीवाजी क्लब में रात 8 करीब 10 हजार कंडों से बनी होलिका दहन होगा। इस मौके पर होली मिलन समारोह में लाइव म्यूजिक और डांस प्रस्तुतियां भी होंगी।
लड्डू गोपाल के लिए होली का शृंगार खरीदा
होली के त्योहार पर अपने आराध्य को सजाने-संवारने के सामान खरीदने के लिए बाजारों में श्याम भक्तों की भीड़ दिख रही है। खास कर इस मौके पर लड्डुगोपाल के लिए बाजार में नई पोशाकें भी भक्तों को आकर्षित कर रही है। बाल गोपाल को पहनाने के लिए पोशाकों के अलावा अभी मल्टीकलर की पोशाकों की ज्यादा मांग है। ये भी पढें
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भद्रा(Bhadra effect on Holika Dahan) सूर्य की पुत्री और शनिदेव की बहन मानी जाती हैं। यह क्रोधी स्वभाव की होती हैं और जब यह पृथ्वी लोक में होती हैं, तो अनिष्ट करती हैं। यह इस बार मृत्यु लोक में है, इसलिए भद्राकाल में शुभ कार्यों को वर्जित किया गया है। भद्रा रहित प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा तिथि पर होलिका दहन उत्तम माना गया है। धर्म सिंधु के अनुसार भद्रा मुख में किया होलिका दहन अनिष्टकारी होता है।
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14 मार्च से खरमास शुरू होगा, जो 14 अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश, संपत्ति लेन-देन और अन्य शुभ कार्य नहीं किए जाते। खरमास तब लगता है जब सूर्य देव मीन राशि में प्रवेश करते हैं। 14 मार्च को सूर्य देव कुंभ से मीन राशि में जाएंगे, जिससे मीन संक्रांति बनेगी। इस दौरान शुभ कार्यों पर रोक रहेगी।