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गुढ़ा बांध की नहरों की 30 करोड़ रुपए की लागत से सूरत सुधरेगी

जिले के सबसे बड़े गुढ़ा बांध के नहरों की सूरत जल्द सुधरने वाली है।

बूंदीApr 22, 2025 / 05:02 pm

पंकज जोशी

गुढ़ा बांध की नहरों की 30 करोड़ रुपए की लागत से सूरत सुधरेगी

गुढ़ा बांध का नजारा।

हिण्डोली. जिले के सबसे बड़े गुढ़ा बांध के नहरों की सूरत जल्द सुधरने वाली है। नहरों के निर्माण व मरम्मत के लिए गत बजट सत्र में राज्य सरकार ने 30 करोड़ रुपए की घोषणा की थी। जिसके जल संसाधन विभाग द्वारा इस्टीमेट तैयार कर टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार बरसों से गुढ़ा बांध की नहरों की मरम्मत की दरकार थी। सिंचाई के लिए पानी छोड़ने पर कई जगह व्यर्थ जाता है। ऐसे में किसानों को टेल पर पानी 28 दिन के बजाय 40 दिन में पहुंचता है। ऐसे में बजट सत्र में राज्य सरकार ने गुढ़ा बांध की नहरों के निर्माण कार्य, मरम्मत के लिए 30 करोड रुपए की घोषणा की थी। अब जलसंसाधन विभाग ने एस्टीमेट तैयार कर लिए हैं व जल्द ही टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। नहरों को पक्का करने के बाद अंतिम छोर तक के किसानों को पानी जल्द ही मिलेगा।
इन नहरों को है जीर्णोद्धार की दरकार
दांई मुख्य नहर 13.96 किमी,
बाई मुख्य नहर 13.05 किमी,
होलापुरा 15.57 किमी,

प्रस्तावित नहरों की लंबाई
दाई मुख्य नहर 1.53 किमी,
दाई मुख्य नहर 3.44 किमी,
होलासपुरा 5.09 किमी,

किसानों को मिलेगा सीधा लाभ
जल संसाधन विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि नहरो की मरम्मत, जीर्णोद्धार सहित अन्य कार्यों के पूरा होने के बाद सिंचाई प्रणाली की समग्र दक्षता मौजूद लगभग 70 फीसदी के मुकाबले 90 फीसदी से अधिक तक पहुंच जाएगी। वर्तमान में गुढ़ा बांध की नहरों का सिंचाई चक्र जो 40 दिनों से अधिक समय लेता है। उसे 28 दिनों में पूरा किया जाएगा। प्रस्तावित कार्यों के पूरा होने पर नहर को उसके निर्धारित डिस्चार्ज पर चलाना संभव होगा। पानी की बर्बादी कम होगी। मुख्य नहर और शाखा नहर के आउटलेट के माध्यम से डिस्चार्ज को नियंत्रित करना संभव हो जाएगा। हेड और टेल के किसानों को सिंचाई में अधिक परेशानी नहीं होगी। एकरूपता होगी। टेल एंडर्स संतुष्ट होंगे। साथ ही खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि होगी। जिससे किसानों की स्थिति सुधरेगी और समृद्धि आएगी।
नई प्रस्तावित नहरे
दाई मुख्य नहर 7 किमी,
बाई मुख्य नहर 5 किमी
होलासपुरा 8 किमी

फेक्ट फाइल
बांध की भंडारण क्षमता 95.57 एमसीयुएम,
सिंचित भूमि -11 हजार 380 हैक्टेयर,
बाई मुख्य नहर से 3 हजार 751 हैक्टेयर,
दांई मुख्य नहर से 7 हजार 629 हैक्टेयर,
दांई मुख्य नहर की लंबाई- 28.04 किमी,
बाई मुख्य नहर की लंबाई- 26.21 किमी,
होलासपुरा माइनर 25.30 किमी
बजट सत्र में नहरों की मरम्मत के लिए 30 करोड रुपए स्वीकृत हुए हैं । इसके एस्टीमेट तैयार करवा दिए गए हैं। दाईं, बाई मुख्य नहर व होलासपुरा माइनर पर करीम 14 किलोमीटर लंबी नहरों की मरम्मत और जीर्णोद्वार होगा। इस कार्य होने के बाद सिंचाई में जल की बर्बादी नहीं होगी।
रोहित बघेरा, अधिशासी अभियंता, जल संसाधन विभाग बूंदी।
प्रदेश सरकार किसानों व आमजन के हितों के लिए हमेशा तैयार है। गुढ़ा बांध कि नहरें काफी समय से जर्जर हो रही थी। ऐसे में किसानों को नहरी क्षेत्र में फसल उत्पादकता पर प्रभाव पड़ रहा था। बजट सत्र में मुख्यमंत्री से मिलकर नहरों की मरम्मत के लिए 30 करोड़ की घोषणा करवाई। पहले फेज में 30 करोड के कार्य होंगे। दूसरे फेज के प्रस्ताव तैयार करने के लिए विभाग के अधिकारियों से कहा है। शेष नहरों को भी पक्का करवाने के लिए बजट स्वीकृत करवाने के प्रयास होंगे।
प्रभुलाल सैनी, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष।

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