Women’s day 2025: जरूरतमंदों की मदद जारी रखी चुन्नी मौर्य
हम बात कर रहे हैं, शहर की चुन्नी मौर्य की, जो आज समाज सेवा के क्षेत्र में एक अग्रणी नाम बन चुकी हैं। चुन्नी मौर्य का जन्म दुर्ग के एक
मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ। बचपन से ही उनकी रुचि कुकिंग, सिंगिंग और सिलाई कढ़ाई में थी, लेकिन उनका असली जुनून था- समाज सेवा। उनकी यही रुचि और सेवा भाव उन्हें शुरू से ही जरूरतमंदों के लिए काम करने की ओर प्रेरित करता रहा।
1992 में शहर के एक प्रतिष्ठित परिवार में उनकी शादी हुई, जिसके बाद संयुक्त परिवार की जिम्मेदारियों और पर्दा प्रथा के बीच उनका जीवन आसान नहीं था। चूल्हे में खाना बनाना, बच्चों की देखभाल, और घर की जिम्मेदारियां निभाते हुए भी उन्होंने हमेशा जरूरतमंदों की मदद जारी रखी।
हालांकि, परिवार और रिश्तेदारों के साथ समन्वय बनाने में कई बार चुनौतियां आईं, लेकिन उनकी दृढ़ संकल्प और सेवाभाव ने उन्हें हमेशा अपने मार्ग पर बनाए रखा। उनकी सेवा की ओर बढ़ता कदम तब और भी मजबूत हुआ, जब उन्हें लायंस क्लब की सचिव, मौर्य समाज की उपाध्यक्ष और विश्व हिंदू परिषद मातृशक्ति जिला संयोजिका जैसे महत्वपूर्ण पदों पर जिम्मेदारियां दी गईं।
फैशन एवं ग्लैम आइकॉन अवार्ड भी जीता
Women’s day 2025: चुन्नी मौर्य का यह जुनून केवल समाज सेवा तक ही सीमित नहीं रहा। उन्होंने फैशन की दुनिया में भी कदम रखा और कई फैशन शो में विजेता बनीं। लेकिन इसके बाद उनकी सफलता का असली मुकाम वो था जब उन्हें इंटरनेशनल ग्लैम आइकॉन 2023 का अवार्ड मिला। दुबई, मलेशिया, बैंकॉक, थाईलैंड, पश्चिम बंगाल, मालदीप जैसे देशों के 50 प्रतिभागियों के बीच उन्होंने अपना स्थान बनाया और विनर के रूप में उभरीं। उनकी जीवन यात्रा हर महिला के प्रेरणा स्रोत बन चुकी है।
बता दें कि उन्होंने ‘श्रुति’ नाम से नि:शुल्क सिलाई प्रशिक्षण शुरू किया, जहां उन्होंने चार साल में 2000 से अधिक महिलाओं को सिलाई और कढ़ाई का प्रशिक्षण दिया, जिससे ये
महिलाएं स्वरोजगार से जुड़ीं और आत्मनिर्भर बनीं।
वे विभिन्न सेवा कार्यों जैसे नि:शुल्क केक प्रशिक्षण, निर्धन कन्या विवाह, महिलाओं को आत्मरक्षा के गुण सिखाना, नशा मुक्ति अभियान, ‘गुड टच बैड टच’ शिक्षा, माहवारी संबंधी मिथकों का समाधान, राखी और गुलाल बनाना, दिवाली में बाती प्रशिक्षण आदि में भी सक्रिय हैं।