सदन में गर्मी के मद्देनजर बोर खनन, टैंकर की व्यवस्था और नियमित जल आपूर्ति को लेकर मांगें गूंजती रहीं। 70 वार्डों के पार्षदों ने पेयजल संकट को लेकर चिंता जताई और प्रशासन से शीघ्र समाधान की मांग की। महापौर ने आश्वस्त किया कि किसी भी वार्ड में पानी की समस्या नहीं रहने दी जाएगी। सभी आठ जोनों को टूट-फूट और रिपेयरिंग के लिए 1-1 लाख रुपए अतिरिक्त राशि दी जा रही है, ताकि छोटी समस्याओं का त्वरित समाधान हो सके।
60 में से महज 13 ही प्रश्न पूछ पाए पार्षद
सामान्य सभा में इस बार पार्षदों ने कुल 60 प्रश्न लगाए थे। सभा के शुरुआती 1घंटे को प्रश्नकाल के लिए आरक्षित रखा गया। इसमें केवल 13 पार्षद ही अपने सवाल सदन के सामने रख पाए। जिसमें पेयजल, प्रधानमंत्री आवास योजना, संपत्ति कर को किस्तों में पटाने की सुविधा, सड़कों पर मवेशियों का जमावड़ा, सूखे तालाब को भरना और सफाई व्यवस्था दुरुस्त कराने जैसे सवाल सदन में लगे। महापौर और एमआईसी सदस्य ने इनका जवाब दिया। समय पूरा होते ही सभापति विनोद सोनी ने घंटी बजाकर प्रश्नकाल समाप्त कर दिया। हालांकि कांग्रेस पार्षदों की मांग पर बजट पर चर्चा से पहले 20 मिनट में पांच कांग्रेस और पांच भाजपा के पार्षदों को सवाल करने का अवसर दिया गया।
सीवरेज और मच्छर को लेकर हंगामा
सामान्य सभा में सबसे पहला सवाल कांग्रेस पार्षद भरत कश्यप ने सीवरेज को लेकर पूछा। कहा कि काम अब तक पूरा क्यों नहीं हुआ, इतने दिनों तक एक्सटेंशन क्यों दिया जा रहा है। सीवरेज के चलते
बिलासपुर “खोदा पुर” के नाम से बदनाम हुआ। इस पर भाजपा पार्षद दल ने बवाल मचा दिया। इसी तरह सत्तापक्ष के भाजपा पार्षद हेमंत मरकाम ने मच्छरों के प्रकोप को लेकर सदन में सवाल उठाए। शहर में फॉगिंग मशीन और एंटी लार्वा छिड़काव नहीं होने पर पक्ष-विपक्ष आमने-सामने हो गए। इन मुद्दों पर सदन में जमकर हंगामा हुआ।
नालंदा लाइब्रेरी, पिंक टॉयलेट बनाएंगे
सामान्य सभा में प्रश्नकाल और एजेंडों पर चर्चा के बाद महापौर पूजा विधानी ने 1089 करोड़ रुपए का बजट सदन में पेश किया। इस बजट में महिलाओं पर विशेष फोकस करते हुए शहर के चौक-चौराहों पर पिंक टॉयलेट निर्माण, एजुकेशन के लिए छात्रों के लिए नालंदा लाइब्रेरी का निर्माण, सड़क मरम्मत व विकास कार्यों पर विशेष ध्यान देने की योजना शामिल है। बैठक में 9 एजेंडों पर चर्चा की गई, जिनमें सभी प्रस्तावों को पारित किया गया। हालांकि कांग्रेस पार्षद दल ने कुछ मामलों में आपत्तियां भी दर्ज कराईं, लेकिन चर्चा के बाद सर्वसम्मति से प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
सदन में इस तरह होती रही नोक-झोंक
शहजादी कुरैशी ने स्मार्ट सिटी के बजट और पांच साल में कितना खर्च हुआ, कितना फंड बचा पूछा तो सत्ता पक्ष के पार्षद दलों के बीच से आवाज आई, “पुराने महापौर रामशरण फंड ले गए।” सभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने विरोध जताया। कांग्रेस पार्षदों ने राष्ट्रगान के बाद राज्य गीत गाने की मांग रखी। सवाल उठाते हुए पार्षदों ने हंगामा किया। नए भाजपा के पार्षद जय वाधवानी ने कांग्रेस की महिला पार्षद पर अभद्र टिप्पणी की, तो सदन में अन्य महिला पार्षदों ने आपत्ति दर्ज कराई, माफी मांगने की मांग की।
पीछे की कुर्सियों में बैठे पार्षद पति अपनी पत्नियों को बीच-बीच में डायरेक्शन दे रहे थे। इस पर कई महिला पार्षद नजरअंदाज करती दिखीं। भाजपा पार्षद जय वाधवानी के बिगड़े बोल, कहा-भाजपा ऐसा मुक्तिधाम बनाएगी जहां मुर्दे भी जिंदा हो जाएंगे। इसे सुन सदन में अन्य पार्षदों ने आपत्ति दर्ज कराई, कहा-“मृत्यु कर्मकांड में तो न करें मजाक, यह गंभीर समस्या है।”
लंच के बाद डायरेक्शन देने पहुंच गए कांग्रेस के जिलाध्यक्ष विजय केशरवानी। नए पार्षदों को सवाल का मौका देने कहते रहे, लेकिन कांग्रेस पार्षद ने ध्यान नहीं दिया। महापौर पूजा विधानी द्वारा बजट भाषण और सवालों के जवाब देने पर पीछे बैठे उनके पति अशोक विधानी अकेले बजाते रहे ताली।
सदन में पहली बार बिना नेता प्रतिपक्ष पहुंचे 18 कांग्रेस पार्षद, सदन की पूरी कार्यवाही के दौरान अघोषित नेता प्रतिपक्ष की तरह मुद्दे और सवाल करते नजर आईं कांग्रेस पार्षद शहजादी कुरैशी। उन्होंने कहा कि प्रदेश कैबिनेट में भी तो मंत्री पद महीनों से खाली है।