scriptCG Constable Transfer: नक्सली हमले में घायल जवान को बड़ी राहत! सुकमा ट्रांसफर पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, जानें वजह? | CG Constable Transfer: High court stays transfer of jawan injured in Naxalite attack to Sukma | Patrika News
बिलासपुर

CG Constable Transfer: नक्सली हमले में घायल जवान को बड़ी राहत! सुकमा ट्रांसफर पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, जानें वजह?

CG Constable Transfer: नक्सली हमले में घायल हो चुके जवान का स्थानांतरण फिर से घोर नक्सली क्षेत्र सुकमा में करने पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई है।

बिलासपुरFeb 28, 2025 / 12:33 pm

Khyati Parihar

CG Constable Transfer: नक्सली हमले में घायल जवान को बड़ी राहत! सुकमा ट्रांसफर पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, जानें वजह?
CG Constable Transfer: नक्सली हमले में घायल हो चुके जवान का स्थानांतरण फिर से घोर नक्सली क्षेत्र सुकमा में करने पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई है। सारंगढ़ जिला निवासी दिनेश ओगरे दूसरी बटालियन, छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल, सकरी में आरक्षक (कांस्टेबल) के पद पर पदस्थ था।
सेनानी, दूसरी वाहिनी द्वारा एक आदेश जारी कर दिनेश ओगरे का स्थानांतरण सकरी, बिलासपुर से एफ कपनी सुकमा कर दिया गया। ट्रांसफर आदेश से क्षुब्ध होकर दिनेश ओगरे ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर स्थानांतरण आदेश को चुनौती दी। हाईकोर्ट के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि पूर्व में वर्ष 2016 में याचिकाकर्ता पामेड़, जिला-बीजापुर में कांस्टेबल के पद पर पदस्थ था।
हैलीपेड सुरक्षा के दौरान नक्सलियों द्वारा की गई फायरिंग में याचिकाकर्ता के सिर पर गोली लगी थी एवं वह गंभीर रूप से घायल हुआ था। इसके साथ ही वर्ष 2018 में याचिकाकर्ता का एक मेजर एक्सीडेन्ट होने के कारण उसके बाएं पैर में स्टील की रॉड लगी है। इससे उसे तेज चलने एवं दौड़ने में दिक्कत होती है।
यह भी पढ़ें

CG High Court: जेल में बंद पूर्व मंत्री कवासी लखमा की याचिका पर हुई सुनवाई, HC ने ACB-EOW को जारी किया नोटिस…

चूंकि जिला-सुकमा एक अति संवेदनशील एवं घोर नक्सली जिला है और आवेदक की शारीरिक एवं मानसिक स्थिति ऐसी जगह सेवा देने योग्य नहीं है। नक्सलियों के टारगेट में होने के कारण याचिकाकर्ता की जान को भी खतरा है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता द्वारा 3 सितंबर 2016 को विशेष आसूचना शाखा, पुलिस मुख्यालय और 18 मार्च 2021 को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), पुलिस मुख्यालय, रायपुर द्वारा जारी किए गऐ सर्कुलर का हवाला दिया गया जिसमें यह प्रावधान है कि नक्सली हमले में घायल जवानों से उनकी शारीरिक क्षमतानुसार कार्य लिया जाना चाहिए।
ऐसे जवानों की पदस्थापना घोर नक्सली जिले में नहीं किया जाना चाहिए। इसके साथ ही समय-समय पर उनके स्वास्थ्य के संबंध में समुचित जानकारी प्राप्त किया जाना चाहिए। परन्तु याचिकाकर्ता के मामले में सेनानी, दूसरी बटालियन द्वारा उपर्युक्त वर्णित सर्कुलर का घोर उल्लंघन किया गया है।

Hindi News / Bilaspur / CG Constable Transfer: नक्सली हमले में घायल जवान को बड़ी राहत! सुकमा ट्रांसफर पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, जानें वजह?

ट्रेंडिंग वीडियो